इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्वांचल के पूर्व बाहुबली सांसद धनंजय सिंह को ब्लैक कैट कमांडो वाली वाई कैटेगरी की सुरक्षा मुहैया कराए जाने पर सवाल उठाते हुए केंद्र व यूपी सरकार से इस बारे में जानकारी मांगी है.


कोर्ट ने यूपी सरकार से पचीस मई तक यह बताने को कहा है कि आपराधिक छवि के दबंग नेता को कैसे इस स्तर की सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है.


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अदालत ने गंभीर रुख अपनाते हुए यूपी सरकार से यह भी पूछा है कि ऐसे नेता की जमानत निरस्त कराने के लिए क्या कदम उठाने जा रही है. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने केंद्र सरकार के एडिशनल सालीसिटर जनरल शशिप्रकाश सिंह से यह बताने को कहा है कि केंद्र सरकार ऐसे व्यक्ति को हाई लेवल की सिक्योरिटी क्यों और कैसे दे रही है.


यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस सुनीत कुमार की डिवीजन बेंच ने जौनपुर के प्रहलाद गुप्ता की जनहित याचिका यानी पीआईएल पर सुनवाई करते हुए दिया है. पीआईएल में कहा गया है कि पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर हत्या के सात मामलों सहित कुल चौबीस आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं.


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यह भी कहा गया है कि वाई श्रेणी की सुरक्षा मिलने के बाद भी उनके खिलाफ चार आपराधिक मामले दर्ज हुए हैं. ऐसे में आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति को ब्लैक कैट कमांडो वाली उच्च स्तरीय सुरक्षा मुहैया कराना गलत है, क्योंकि वह सरकार सुरक्षा का दुरूपयोग भी कर रहे हैं.


अदालत में सुनवाई के दौरान यह तथ्य भी सामने आया कि धनंजय सिंह को वाई कैटेगरी की सुरक्षा बिना किसी पेमेंट के पूरी तरह सरकारी खर्च पर दी जा रही है. अदालत ने इसे भी बेहद गंभीरता से लिया और केंद्र व यूपी सरकार को अड़तालीस घंटे में अपना जवाब दाखिल करने को कहा है. अदालत इस मामले में पचीस मई को फिर से सुनवाई करेगी.