लखनऊ: हिन्दू युवा वाहिनी में जारी रार एक बार फिर सुर्खियों में है. हिन्दू युवा वाहिनी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह ने लखनऊ के वीवीआईपी गेस्ट हाउस में बैठक कर खुद को हिन्दू युवा वाहिनी भारत नाम के संगठन का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया. इस मामले ने तूल पकड़ा तो व्यवस्था अधिकारी आरके सिंह को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर निलंबित भी कर दिया गया. इस मामले में हिन्दू युवा वाहिनी के प्रदेश महामंत्री इं. पीके मल्ल ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि वीवीआईपी गेस्ट हाउस में हुई बैठक का हिन्दू युवा वाहिनी से कोई संबंध नहीं है.


प्रदेश महामंत्री ने इं. पीके मल्ल ने कहा कि हिन्दू युवा वाहिनी उत्तर प्रदेश इकाई के मुख्य संरक्षक गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ हैं. जिन लोगों ने बैठक की है उनका संगठन से कोई संबंध नहीं है. पिछले विधानसभा चुनाव के पहले ही सुनील सिंह को प्रदेश अध्यक्ष और रामलक्ष्मण को प्रदेश महामंत्री के पद से हटाया गया था. ऐसे में इन लोगों के द्वारा इस तरह की बात करने का हियुवा उत्तर प्रदेश इकाई का कोई मतलब नहीं है. विधानसभा चुनाव के पहले भी सपा के संपर्क में आकर इन लोगों ने इस तरह का काम किया था. सपा के लोग ही इसके पीछे थे और भ्रम फैला रहे थे.


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उन्होंने कहा कि हियुवा के योगी आदित्यमनाथ मुख्य संरक्षक है. उनका आभामंडल पूरे प्रदेश में है. बहुत सारे लोग ये बात जानते हैं. इसलिए उस ब्रांड की डुप्लीकेसी करते हैं. हिन्दू युवा वाहिनी से मिलते जुलते नाम से बहुत से लोगों ने संगठन बनाए हुए हैं. हम लोगों ने उत्तर प्रदेश के बाहर भी ऐसे संगठनों पर कार्रवाई के लिए प्रशासन और राज्यों को भी लिखा है. हम लोगों की इकाई उत्तर प्रदेश में कार्य कर रही है. उत्तर प्रदेश के बाहर सोशल मीडिया के माध्यम से बहुत सारे लोग जुड़े हैं. लेकिन, हमारा कोई संगठनात्मक ढांचा राष्ट्रीय स्तर पर गठित नहीं है. जो बैठक सुनील सिंह ने की है उससे हियुवा का कोई मतलब नहीं है.




मल्ल ने कहा कि कुछ लोगों ने फर्जी लेटरहेड और फर्जी नाम देकर सरकारी गेस्ट हाउस बुक करा लिया, उसके खिलाफ कार्रवाई की गई है. कुछ लोग अपने उतावलेपन के कारण से गलत बयानबाजी करते हैं ये उसका उदाहरण है. कुछ लोग राजनीतिक तौर पर गलत बयानबाजी करते हैं और उसका लाभ लेने की कोशिश करते हैं. 2019 का चुनाव आने वाला है. पूरे देश-विदेश में बाहर से लोग फंडिंग कर दुष्प्राचार करने में सक्रिय होंगे. लेकिन, मोदीजी और योगीजी का अभियान चलता रहेगा. योगीजी हमारे मुख्य संरक्षक हैं. उनके निर्देश पर हम लोग कार्य करते हैं. उनका जो भी निर्देश होगा वो कार्य हम करते रहेंगे.

पीके मल्ल ने बताया कि पिछली बार जब विधानसभा का चुनाव था, इन लोगों ने कई जगह प्रत्याशी उतारने की घोषणा कर दी. जब हम लोगों ने मना किया और ये नहीं माने तो उन लोगों को संगठन से हटाना पड़ा. कुछ ने अपनी गलती मान ली. संगठन का एक संविधान होता है उसका एक संरक्षक होता है. गलत बयानबाजी करके ये लोग योगीजी के अभियान को कुंद करने की कोशिश कर रहे हैं, ये होने वाला नहीं है.