लखनऊ: यूपी और उत्तराखंड में अभी तक अवैध शराब के कारण 77 लोगों की मौत हो चुकी है. इतनी बड़ी संख्या में मौतों के बाद यूपी पुलिस, प्रशासन और आबकारी विभाग हिला हुआ है. सहारनपुर के जिलाधिकारी ने बताया कि शराब को जांच के लिए लखनऊ लैब भेजा जा रहा है. 405 लीटर अवैध शराब जब्त की गई है. अभी तक की जानकारी में ऐसे संकेत मिले हैं कि शराब को तेज बनाने के लिए रैट पॉइजन का भी इस्तेमाल किया जाता था.


उन्होंने बताया कि सहारनपुर के कुछ लोग मेरठ के अस्पताल में भी भर्ती हैं. तीन थानों में एफआईआर दर्ज की गई है. 30 लोग गिरफ्तार किए गए हैं और कुछ पर एनएसए लगाने की भी तैयारी है. सहारनपुर-उत्तराखंड सीमा पर जहां ये शराब बन रही थी वहां अभियान चलाया जाएगा.



इस मामले में सरकार ने सहारनपुर और कुशीनगर के जिला आबकारी अधिकारियों समेत 21 को निलंबित कर दिया है. कुशीनगर के तरयासुजान थाना प्रभारी समेत 4 पुलिसकर्मी और 5 आबकारी कर्मचारी, सहारनपुर में नगला थाना प्रभारी समेत 10 पुलिसकर्मी निलंबित किए गए हैं. उत्तराखंड में भी आबकारी के 13 अफसर और 3 पुलिसकर्मी निलंबित किए गए हैं.


आपको बता दें कि ये शराब पीने वाले लोग अधिकतर मजदूर हैं और सस्ती मिलने के कारण इस तरह की कच्ची या मिलावट वाली शराब पी लेते हैं. सहारनपुर और कुशीनगर के जिन इलाकों में ये हादसे हुए हैं वहां मातम पसरा हुआ है. मृतकों के परिवारवालों का रो-रोकर बुरा हाल है.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि अवैध शराब का धंधा करने वालों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया जाए साथ ही उन लोगों की संपत्ति भी जब्त की जाए. गौरतलब है कि 2018 में अवैध शराब के 54 हजार से अधिक मामले सामने आए थे.