बिहार के नेता कोरोना और चुनाव की लड़ाई कैसे लड़ेंगे? जानिए बीजेपी, जेडीयू और आरजेडी ने क्या कहा है
निखिल आनंद ने कहा कि संगठन अपना काम कर रही है. हम वैचारिक मूल्यों को लेकर चल रहे हैं. समाज में लोगों के मदद से लेकर उनको भोजन से लेकर मास्क और दूसरी जरूरत की चीजों का वितरण कर रहे हैं.
पटना: बिहार में चुनाव सिर पर हैं और राज्य कोरोना संकट के बुरे दौर से गुज़र रहा है. ऊपर से प्रवासी मज़दूरों के लगातार लौटने से दूसरी समस्याएं भी बढ़ गई हैं. बिहार की राजनीतिक पार्टियां इन दिनों कोरोना से लड़ने और चुनाव लड़ने की तैयारियां कैसे कर रही है. इसी को लेकर एबीपी न्यूज़ ने जेडीयू, बीजेपी और आरजेडी के नेताओं से बात की. बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद का कहना है कि हम किसी वक्त भी चुनाव के लिए तैयार हैं, जबकि जेडीयू नेता राजीव रंजन ने कहा है नीतीश कुमार के पास संकट को अवसर में बदलने का हुनर है. इनके अलावा विपक्षी पार्टी आरजेडी ने बिहार सरकार पर कई मुद्दों को लेकर निशाना साधा है.
राजीव रंजन ने कहा, "स्किल मैपिंग पूरे राज्य में कराई जा रही है. कल तक 78 हजार मजदूरों का डेटा बेस तैयार हुआ है. ये संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और जिसमें, उन्होंने क्या काम किया, उनके स्किल के अनुरूप उसकी पहचान कर राज्य में जो उद्योग हैं, उनमें उनको समावेश किया जाएगा. साथ ही देश में अलग अलग उद्यमियों से भी राज्य सरकार बात कर रही है कि वो बिहार में आकर उद्योग लगाएं, ताकी हमारे मैनपावर का उपयोग राज्य में हो सके."
राजीव रंजन ने बताया कि कोरोना वायरस की टेस्टिंग प्रक्रिया को और बेहतर करते हुए अब दस हजार टेस्ट प्रतिदिन करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा, "तमाम चीजों को देखते हुए हम ये कह सकते हैं कि ये एक मुक्कमल तैयारी है. राज्य के सामने कठिनाई जरूर है, लेकिन हम बेहतर तरीके से इस परिस्थिति को अवसर में बदलने की ओर बढ़ रहे हैं. ये हुनर नीतीश कुमार के पास है कि वो संकट को अवसर में बदलते रहे हैं और इस बार भी बिहार एक टर्निंग प्वॉइंट पर खड़ा है."
चुनाव में वोट के लिए नहीं कर रहे काम राजीव रंजन ने कहा, "इस आपदा को वोट की दृष्टि से हम नहीं देख रहे हैं और राज्य के लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ये कहा भी है कि हम जो भी कर रहे हैं, वोट के दृष्टि से नहीं कर रहे हैं. हमारी प्राथमिकता अभी लोगों को सुरक्षित रखना है. जो संक्रमित हुए हैं उन्हें ठीक करना है. जो बाहर से आए हैं, उनको रोजगार देने की दिशा में एक सही रोडमैप तय कर हम आगे बढ़ें. किसानों को उनके फसल क्षति का आंकलन कर उनको सब्सिडी का लाभ पहुचाएं. ये राज्य सरकार की योजनाएं हैं."
बीजेपी ने कहा कि वो हर वक्त चुनाव के लिए तैयार हैं बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा, "बीजेपी संगठन और विचारधारा की पार्टी है और इन दिनों कोरोना के कहर को देखते हुए हम सभी समाज सेवा और जन सेवा में लगे हैं. संगठन की जहां तक बात है, तो हमारे प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल जी लगातार ऑडियो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से और हम सभी दूसरे माध्यमों से एक दूसरे के संपर्क में हैं. हमारा बूथ संगठन भी इसी दौर में तैयार हुआ है. बीजेपी एक बड़ी पार्टी है और हम हर समय चुनाव के लिए तैयार हैं."
निखिल आनंद ने कहा कि संगठन अपना काम कर रही है. हम वैचारिक मूल्यों को लेकर चल रहे हैं. समाज में लोगों के मदद से लेकर उनको भोजन से लेकर मास्क और दूसरी जरूरत की चीजों का वितरण कर रहे हैं. अभी बड़ी संख्या में प्रवासी आ रहे हैं, तो उनको गांव में क्वारंटीन से लेकर और दूसरी व्यवस्था में मदद करने में लगे हैं. बीजेपी धरातल पर बिल्कुल सक्रिय है. उस तरीके से नहीं है जैसे अन्य दिनों में होती थी. कोरोना है तो इसके नियमों का पालन करना है, लेकिन हम ये मानते हैं कि ये पार्टी एक ऐसी पार्टी है, जिसके कार्यकर्ता 24 घंटे, सातों दिन संगठन के काम में लगे रहते हैं. समाज सेवा राष्ट्र सेवा में लगे हैं. हम चुनाव के लिए किसी भी वक्त तैयार रहते हैं."
आरजेडी ने सरकार पर साधा निशाना आरजेडी नेता चुनाव पर सीधे कुछ भी बोलने से बच रहे हैं, लेकिन कोरोना के दौरान सरकार की लापरवाही पर सवाल ज़रूर खड़े कर रहे हैं. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, "जो बाहर से हमारे प्रवासी मजदूर लौट रहे हैं. बड़ी संख्या में 25 लाख से भी ज्यादा हमारे श्रमवीर भाई लौट रहे हैं. उनके लिए बिहार सरकार ने मुकम्मल तैयारी नहीं की. यहां क्वारंटीन सेंटर में पूरी तरह से कुव्यवस्था है. आए दिन क्वारंटीन सेंटर में हंगामा हो रहा है. कोई रहने को तैयार नहीं है. वहां से भाग जा रहे हैं. उनको खाना भी ठीक से नहीं मिल रहा है. उनके खाने में कीड़े मिलते हैं. तो उसकी शिकायत करने पर पुलिस उनकी डंडे से पिटाई करती है."
मृत्युंजय तिवारी ने कहा, "यहां ट्रेन से आने वाले प्रवासियों के अलावा भी बहुत बड़ी संख्या ऐसे प्रवासियों की है, जो पैदल, ठेले या अन्य सवारी से बिहार आ रहे हैं, जिनके आंकड़े भी सरकार के पास नहीं हैं. चूंकि सरकार पहले से तैयार नहीं थी, तो परेशानी तो होगी ही. साथ ही सरकार के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती भी खड़ी हो गई है. जिस तरह से इनके आने से कोरोना संक्रमण के आंकड़े में बढ़ोतरी हुई है, अगर ये कम्युनिटी ट्रांसमिशन होता है, तो और भयावह होगा. इसलिए सरकार को पूरी व्यवस्था दुरुस्त करनी चाहिए, जो भी बाहर से आ रहे हैं, उनकी जांच ठीक से हो, उनको क्वारंटीन ठीक से करें, क्वारंटीन सेंटर की बदहाली ठीक हो. केंद्र से बार बार मांगने के बाद भी ना तो वेंटीलेटर मिल रहा है और न पीपीई किट. बिहार सरकार की लापरवाही कई सेंटरों में दिखी है, जिसका खमियाजा बिहार को भुगतना होगा. बिहार सरकार को मुस्तैदी से नजर रखनी होगी और पूरे व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करना पड़ेगा."