नई दिल्ली: मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बुधवार को महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय (एमजीसीयू) के कुलपित के इस्तीफे को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेज दिया. कुलपति अरविंद अग्रवाल के इस्तीफे पर अंतिम निर्णय विश्वविद्यालय के विजिटर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद लेंगे.


बिहार के इस केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति का पद पाने के लिए उनपर अपने अकादमिक परिचय पत्र में जालसाजी करने का आरोप है, जिसके चलते उन्होंने इस्तीफा सौंपा. अपने आवेदन में कथित तौर पर गलत जानकारियां देने के लिए अग्रवाल सरकार के निशाने पर रहे हैं.


मंत्रालय (एचआरडी) को यह शिकायत प्राप्त हुई थी कि नौकरी पाने के लिए अग्रवाल ने विदेश में शिक्षा हासिल करने के बारे में झूठ बोला था और उन्होंने जर्मनी के किसी संस्थान से अपनी पीएचडी नहीं पूरी की है और असल में राजस्थान विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त की. अग्रवाल ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.


बिहार में दो सेंट्रल यूनिवर्सिटी हैं. महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी की स्थापना 2016 में मोतिहारी में की गई. हालांकि, इस कैंपस का अभी तक अपना भवन नहीं है और यह जिला स्कूल कैंपस में चलता है. यूनिवर्सिटी में यूजी और पीजी के 18 अलग-अलग डिमार्टमेंट स्थापित किए गए हैं.


बिहार का दूसरा सेंट्रल यूनिवर्सिटी 'सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार' है. इस यूनिवर्सिटा का मेन कैंपस गया में बनना है, लेकिन यह 2009 से पटना के एक कॉलेज के कैंपस में चल रहा है. यहां भी कई विषयों की पढ़ाई हो रही है.


यह भी पढ़ें-


जम्मू कश्मीर: बडगाम में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को ढेर किया, सर्च ऑपरेशन जारी

कॉलेजियम ने चार मुख्य न्यायाधीशों को सुप्रीम कोर्ट में जज बनाने की सिफारिश की

देखें वीडियो-