कन्नौज : यूपी सरकार के एक फोन कॉल पर घर के दरवाजे पर एम्बुलेंस पहुंचने का दावा कन्नौज में बेकार साबित हो गया. कन्नौज की गिनती वीआईपी जिले में होती है, लेकिन नौ किलोमीटर ठेले पर बीमार पत्नी को लेकर अस्पताल आने वाले इस युवक के लिए सब बातें बेमानी हैं. प्रदेश सरकार भले ही आंकड़ों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होने के लाख दावे कर ले, लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है.


कंधों पर दम तोड़ रहे हैं मरीज


यूपी में ध्वस्त हो चुकी 108 एम्बुलेंस सेवा के चलते मरीज कहीं अपने पिता के कंधों पर दम तोड़ रहे हैं तो कहीं परिजन मरीज को ठेले और चारपाई से ढो रहे हैं. ऐसा ही एक मामला यूपी के कन्नौज में भी देखने को मिला जहां एक महिला को गंभीर अवस्था में इलाज के लिए एम्बुलेंस ने अस्पताल तक पहुंचाने से मना कर दिया जिसके बाद महिला के पति ने ठेले पर पत्नी को गांव से नौ किलोमीटर दूर जिला अस्पताल पहुंचाया.



ठेले पर लेकर नौ किलोमीटर इलाज कराने पहुंचा युवक


एम्बुलेंस सेवा न मिलने पर एक युवक मजबूरी में पत्नी को ठेले पर लेकर नौ किलोमीटर इलाज कराने के लिए जाने की ये घटना कन्नौज के सदर कोतवाली के हैबतपुर कटरा गांव की है. इस घटना के बाद सभी सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुल गई. अचानक बीमार हुई महिला का पति घंटों तक एम्बुलेंस का इंतजार करता रहा उसके बाद उसने खुद पत्नी को अस्पताल ले जाने की ठानी.यह हालात देख लोग हतप्रभ रह गए.


कई बार नंबर डायल करने के बाद भी नहीं आई एम्बुलेंस 


दरअसल सदर कोतवाली की हैबतपुर कटरा की रहने वाली सोनी की तबीयत अचानक बिगड़ गई. पति ने जब निजी डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि किडनी में कोई समस्या है. उसने जिला अस्पताल जाने के लिए 108 एम्बुलेंस सेवा की मदद लेने के लिए फोन मिलाया. कई बार नंबर डायल करने के बाद भी एम्बुलेंस नहीं आई. बाद में एक एम्बुलेंस के चालक से जवाब मिला कि विनोद दीक्षित चिकित्सालय मकरंद नगर ले आओ तब ले चलेंगे. इस मामले में एबुलेंस के मना करने की बात अधिकारियों ने भी स्वीकार की और कहा ऐसा नहीं होना चाहिए. इसकी जांच की जाएगी.