मेरठ: एक शौहर ने अपनी पत्नी को भरी पंचायत में तीन तलाक बोलकर उससे जिंदगी भर का रिश्ता तोड़ लिया है. पति-पत्नी के बीच कई महीनों से झगड़ा चल रहा था. दोनो के बीच सुलह कराने के लिए गांव में पंचायत बुलाई गयी. लेकिन पति ने पत्नी को तीन तलाक दिया और पीड़िता को बच्चों समेत उसके मायके के लिए रवाना कर दिया.


शौहर-बीबी के बीच ऐसे आई तलाक की नौबत

मेरठ शहर के जाकिर कालोनी की शहाना परवीन की शादी भावनपुर के छोटा हसनपुर गांव के निवासी शारिक से 15 साल पहले हुई थी. दोनो के तीन बच्चे हुए जिनमें बड़े बेटे की उम्र 13 साल है. शादी के कुछेक साल तक तो सब ठीकठाक चला मगर फिर शारिक ने छोटी-छोटी बातों पर शहाना के ऊपर गुस्सा उतारना शुरू कर दिया. कई दिनों से पति-पत्नी के बीच तकरार चल रही थी और शारिक शहाना और उसके बच्चों को छोड़ने पर आमादा था.

पंचायत के बीचों बीच शारिक बोला- तलाक तलाक तलाक

पति पत्नी के बीच विवाद का मामला लंबा खिंच रहा था इसलिए दोनो पक्षों के मोअज्जिज लोगो ने 29 जुलाई को गांव में ही पंचायत रखी. पंचायत में इकठ्ठा हुए पंचों ने मियां-बीबी के बीच सुलह कराने की कोशिश की मगर शारिक किसी भी कीमत पर शहाना को रखने के लिए राजी नही हुआ.

पंच उसे समझा ही रहे थे कि अचानक उसने शहाना को तीन बार तलाक बोला और पंचायत से निकल गया. बाद में शारिक ने शहाना के साथ तीनों बच्चों को भी घर से निकाल दिया और शादी में मिला सामान एक छोटे ट्रक में रखकर उसके साथ भेज दिया.

पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए समाज ने की पहल

पति के तलाक दिये जाने के बाद शहाना अपने घर जाकिर कालोनी लौट आई और घर आते ही उसने इद्दत शुरू कर दी है. पति से तलाक के बाद 3 माह 10 दिन की इद्दत का इस्लाम धर्म में रिवाज है. मगर शहाना की जिंदगी बरबाद करने वाले शारिक को लेकर शहाना के भाई न्याय चाहते थे.

31 जुलाई को हुमायूंनगर में सैफी समाज की पंचायत बुलाई गई जिसमें शहाना को कानूनी ढंग से इंसाफ दिलाने का फैसला किया गया. शहाना का परिवार पुलिस आफिस पहुंचा और एसपी ग्रामीण राजेश कुमार से मामले में कार्रवाई की मांग की. एसपी राजेश कुमार ने बताया कि मामला पूरी तरह असंवैधानिक है. सुप्रीमकोर्ट की रोक के बाद तीन तलाक गैर-कानूनी है. एसपी ने मामले में केस दर्ज करके आरोपी की गिरफ्तारी के आदेश दिये हैं.