लखनऊ: अवैध खनन के आरोपों में फंसी आईएएस अधिकारी बी चंद्रकला से पूछताछ हो रही है. प्रवर्तन निदेशालय की टीम लखनऊ के ऑफिस में उनसे पूछताछ कर रही है. इससे पहले चंद्रकला ईडी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं हुईं, लेकिन उन्होंने ईडी कार्यालय में दस्तावेज जमा कराए थे.


चंद्रकला ने अपने कानूनी प्रतिनिधि को दस्तावेजों के साथ केंद्रीय जांच एजेंसी के लखनऊ जोनल कार्यालय भेजा था और एजेंसी को यह भरोसा दिया था कि वह बाद में अदालत में पेश होंगी. 2008 बैच की आईएएस अधिकारी चंद्रकला ने कहा था कि वह निजी कारण से प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश होने में सक्षम नहीं है.


ईडी ने 2012 से 2016 के बीच हमीरपुर इलाके में अवैध खनन की जांच के लिए दायर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया था. इसके बाद निदेशालय ने चंद्रकला को समन जारी किया था.


पाप धोने के लिए कुंभ में गंगा स्नान कर रही है योगी सरकार- ओम प्रकाश राजभर


सीबीआई ने कहा था कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस दौरान खनन विभाग संभाल रहे थे, इसलिए इस मामले में उनकी भूमिका की भी जांच की जा रही है. निदेशालय ने मामले में पूछताछ के लिए चंद्रकला और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता रमेश कुमार मिश्रा और अन्य को समन जारी किया था.


ईडी अब इस मामले में धन के लेन-देन का पता लगा रहा है और देख रहा है कि इन मामलों में आरोपियों ने रिश्चत के रूप में कथित तौर पर प्राप्त अवैध धन को वैध तो नहीं बनाया है. निदेशालय आरोपियों की धन शोधन रोधी कानून के तहत कुर्क की जा सकने वाली चल एवं अचल संपत्ति के संबंध में भी जांच करेगा.


प्रियंका गांधी भी अब कांग्रेस को नहीं बचा पाएंगी, राहुल राजनीति में फ्लॉप हैं- सुरेश राणा


सीबीआई ने इस महीने की शुरुआत में 11 लोगों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में 14 स्थानों पर छापे मारे थे. ये छापे 2012-16 के दौरान हमीरपुर जिले में अवैध खनन की जांच के सिलसिले में मारे गये थे.


जिन लोगों के खिलाफ सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की है उनमें चंद्रकला, मिश्रा और संजीव दीक्षित (दीक्षित ने बसपा टिकट पर 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ा और हार गए) शामिल हैं. सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया था कि जांच के दौरान राज्य के तत्कालीन खनन मंत्रियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी.