श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज कहा कि यदि बीजेपी यूपी जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को श्रेय देती है तो उसे दिल्ली और बिहार की पराजय की जिम्मेदारी भी तय कर देनी चाहिए. उन्होंने विपक्ष से 2019 के कड़े चुनावों के लिए तैयारी शुरू करने को कहा.


''विपक्ष को 2019 को भूल जाना चाहिए और करनी चाहिए 2024 की तैयारी''


उन्होंने उत्तर प्रदेश चुनाव नतीजों के चलते की गयी अपनी उस टिप्पणी पर सफाई में यह बात कही कि मोदी का सामना करने के लिए कोई नेता नहीं है तथा विपक्ष को 2019 को भूल जाना चाहिए और 2024 की तैयारी करनी चाहिए. उमर ने कहा कि वह केवल सबक सीखने और उस कड़ी परीक्षा की तैयारी करने पर बल दे रहे थे जो अगले आम चुनाव में होने जा रही है.


उमर ने कहा, ‘‘मैंने कहा (ट्विटर पर) था कि यदि समान स्थिति बरकरार रहती है, मेरा मतलब पराजय से है, जो इन चुनावों (यूपी में) में हमने झेली, यदि हम उससे नहीं सीखते हैं तो निस्संदेह हमें 2019 के बजाय 2024 के चुनावों के बारे में सोचना चाहिए.’’ नेशनल कांफ्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि यदि समान स्थिति कायम रहती है तो यह स्वाभाविक है.


2019 में होगा एक कड़ा चुनाव


अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘जिस तरह से बीजेपी ने यूपी चुनाव में सफाया किया और दूसरे स्थान पर आने के बावजूद जिस तरह से दो राज्यों में उन्होंने जोड़ तोड़ की मदद से सरकारें बनायी, इन चीजों के मद्देनजर हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि 2019 एक कड़ा चुनाव होगा.’’ उन्होंने कहा कि हमें आज से ही उस कड़ी परीक्षा के लिए जुट जाना चाहिए और इसीलिए मैंने ट्विटर पर वह सब कहा.


कुछ कांग्रेसी नेताओं द्वारा उनके ट्वीट की आलोचना किए जाने पर उन्होंने कहा कि कुछ लोग इसको नापसंद करते हैं. किन्तु यह उन्हें इस तरह की बातें कहने से नहीं रोक सकतीं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं आशा करता हूं कि इन चुनावों के नतीजों के बाद हम अपने कामकाज के तरीकों में बदलाव करेंगे और लोगों से अपना सम्पर्क बढ़ायेंगे. ’’