लखनऊ: बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने अयोध्या में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद पर बड़ा बयान दिया. स्वामी ने कानूनी लड़ाई में जीत का भरोसा जताते हुए कहा कि अगर मुसलमान इस मामले में समझौता नहीं करना चाहते तो मामले को समाधान अब कोर्ट से ही होगा.


'आस्था के अनुसार रामलला का जन्मस्थल है अयोध्या'


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद स्वामी ने कहा, ‘‘अगर वे (मुसलमान) समझौता नहीं करना चाहते, तो कोर्ट तो है ही...हम इलाहाबाद हाई कोर्ट में जीत ही चुके हैं. जहां (बाबरी मस्जिद का) मध्य गुम्बद था, वहीं आस्था के अनुसार रामलला का जन्मस्थल है.’’ हालांकि स्वामी ने मुख्यमंत्री योगी से हुई मुलाकात का ब्यौरा देने से इनकार कर दिया.


उन्होंने कहा, ‘‘हिन्दू-मुस्लिम एकता करनी है, मस्जिद कहीं भी बना लीजिये. जहां राम पैदा हुए, वहां तो बना नहीं सकते. मंदिर था, तोड़कर मस्जिद बनायी थी.’’ स्वामी ने कहा, ‘‘संविधान के अनुच्छेद 25 के अनुसार मेरा मौलिक अधिकार है कि मैं अपनी आस्था के अनुसार जहां चाहूं, वहां पूजा कर सकता हूं.’’


'मुसलमानों को डराना-धमकाना बंद करें स्वामी'


इस बीच, बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जीलानी ने स्वामी के बयान पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा, ‘‘स्वामी मुसलमानों को डराना-धमकाना बंद करें. हमें न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है. हम कानून के प्रति कटिबद्ध हैं और कोर्ट जो भी फैसला करेगी, हम उसे मानेंगे.’’


जीलानी ने हाल में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रहते अयोध्या के मामले में मुसलमानों को बातचीत के जरिये न्याय नहीं मिलेगा, क्योंकि वे दोनों ही बीजेपी कार्यकर्ता हैं और राम मंदिर आंदोलन के प्रबल समर्थक हैं.


आपसी सहमति से हल निकालने का सुझाव


आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले को संवेदनशील बताते हुए सम्बन्धित दोनों पक्षों से आपसी सहमति से हल निकालने का सुझाव देते हुए पेशकश की थी कि अगर दोनों पक्ष चाहें तो कोर्ट इसमें मध्यस्थता के लिये तैयार है.


हालांकि मामले के एक प्रमुख पक्षकार ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने गत 15 अप्रैल को अपनी कार्यकारिणी की बैठक में इस पेशकश को नामंजूर करते हुए कहा था कि बातचीत के बजाय सिर्फ कोर्ट से ही इस मसले का हल निकलेगा.