कानपुर: ताला-चाभी बनाने की आड़ चल रहा था तमंचे बनाने का कारोबार, 35 तमंचो के साथ तीन गिरफ्तार
एसएसपी अखिलेश कुमार मीणा के मुताबिक हमारी टीम को काफी समय से सूचना मिल रही थी कि शहर में बड़े पैमाने पर अवैध असलहों का कारोबारों चल रहा है. इस काम के लिए स्वाट टीम को लगाया गया था.
कानपुर: कानपुर पुलिस ने एक गिरोह का पर्दाफाश किया है जो ताला चाभी बनाने की आड़ में अवैध असलहे बनाने का कारोबार चला रहे थे. पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर असलहा बनाने वाले तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से 35 बने हुए 315 बोर के देशी तमंचे, बड़े पैमाने पर अर्ध निर्मित तमंचे और असलहा बनाने वाले उपकरण बरामद हुए है. कानपुर में असलहा बनाने की फैक्ट्री डालने की योजना थी. फर्रुखाबाद में यह कारोबार फलफूल रहा था.
कानपुर की स्वाट टीम और नबाबगंज पुलिस ने घेराबंदी कर मुखबिर की सूचना पर चौहल सिंह, अमित और देव सिंह को गिरफ्तार किया है. दरअसल चौहल सिंह देशी तमंचे बनाने में महारत हासिल है यह ताला चाभी बनाने का काम करता था. इसी पेशे की आड़ में वो कच्चा माल खरीद कर लाता था और उस कच्चे माल से वो देशी तमंचे बनाने का कारोबार करता था. इसके बाद बने हुए तमंचो को 3 हजार से 5 हजार रुपए में बेचता था. तमंचे बेचने का काम अमित और देव सिंह करते थे.
एसएसपी अखिलेश कुमार मीणा के मुताबिक हमारी टीम को काफी समय से सूचना मिल रही थी कि शहर में बड़े पैमाने पर अवैध असलहों का कारोबारों चल रहा है. इस काम के लिए स्वाट टीम को लगाया गया था. बीते शनिवार को सुचना मिली कि तीन लोग तमंचे और असलहा बनाने वाले उपकरण लेकर मंधना की तरफ जाने के लिए वाहन का इंतजार कर रहे हैं. इस सूचना के आधार पर स्वाट टीम और नवाबगंज पुलिस को लगाया गया.
हमारी टीम ने तीनों अभियुक्तों को माल समेत दबोच लिया, पूछताछ में पता चला कि यह लोग फर्रुखाबाद में देशी तमंचा बनाने का काम करते थे. बिठूर थाना क्षेत्र स्थित मंधना में तमंचा फैक्ट्री डालने की योजना थी. इनके पास से 35 बने हुए तमंचे बरामद हुए है, इसके साथ ही भट्टी समेत उपकरण भी बरामद हुए हैं, सभी को जेल भेजा रहा है.