लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने खनन घोटाले को लेकर विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब अखिलेश यादव का नाम नहीं लिया गया है, तो भी इतना डर ये दर्शाता है कि 'चोर की दाढ़ी में तिनका' है.


सिंह ने सीबीआई द्वारा खनन घोटाले के सिलसिले में सपा प्रमुख अखिलेश से पूछताछ करने की संभावनाओं को लेकर आयी खबरों पर बसपा सुप्रीमों मायावती और सपा नेताओं की ओर से दिये गये बयान पर कहा कि ऐसा लगता है कि चोर की दाढी में तिनका है.

उन्होंने कहा, ‘‘विपक्षी नेताओं को भय क्यों लग रहा है. सीबीआई ने अभी अखिलेश यादव का नाम नहीं लिया है.’’

सिंह ने कहा कि अगर सपा सरकार के समय कोई अवैध खनन नहीं हुआ तो उन्हें सीबीआई जांच से डरने की आवश्यकता नहीं है.

मायावती और अखिलेश के बीच हुई बातचीत का उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा कि यह उनके गठबंधन का सिद्धांत लगता है, ‘‘तुम मुझे बचाओ और मैं तुम्हें.’’

उन्होंने कहा, ‘‘सपा सरकार के समय वादा किया गया कि बसपा सरकार के समय के कार्यों की जांच होगी. यही वादा बसपा ने भी अपनी सरकार के समय किया था लेकिन कुछ नहीं हुआ और अब दोनों पार्टियों ने गठबंधन कर लिया है.’’

खबरों में बताया गया है कि सीबीआई अवैध रेत खनन मामले में संभवत: अखिलेश से पूछताछ करेगी क्योंकि तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश के पास 2012 से जून 2013 के बीच खनन विभाग का अतिरिक्त प्रभार था.

सीबीआई ने शनिवार को उत्तर प्रदेश और दिल्ली में अवैध खनन मामले के सिलसिले में 12 जगहों पर छापेमारी की थी.

मायावती ने सीबीआई की छापेमारी और फिर उसकी आड़ में सपा प्रमुख अखिलेश यादव से पूछताछ की धमकी को राजनीतिक विद्वेष की भावना से चुनावी स्वार्थ के लिए की गयी कार्रवाई बताया.

उन्होंने कहा कि बीजेपी की इस प्रकार की घिनौनी राजनीति व चुनावी षड़यंत्र कोई नई बात नहीं है बल्कि यह उनका पुराना हथकंडा है, जिसे देश की जनता अच्छी तरह से समझती है और जिसका ख़ामियाज़ा आने वाले लोकसभा चुनाव में भुगतने के लिये बीजेपी को तैयार रहना चाहिये.

बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने मामला अपने हाथ में लिया.