नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब एनएसजी के कमांडो के सुरक्षा घेरे में रहेंगे. गृह मंत्रालय के फैसले के बाद आज से योगी की सुरक्षा में एनएसजी के कमांडो तैनात हो गए.

योगी का सुरक्षा चक्र

अब योगी के पास सुरक्षा का तिहरा चक्र बन गया है. सबसे बाहरी कवर में स्थानीय पुलिस होती है. उसके बाद सीएम सिक्योरिटी के अधिकारी होते हैं और उनके सबसे नजदीक एनएसजी का कवर रहता है जो किसी भी खतरे से निबटने में सक्षम है.

किसी भी शख्स को एनएसजी यानि ब्लैक कैट कंमाडो तभी दिए जाते है जब केंद्र सरकार यह समझती है कि उस शख्स को बेहद गंभीर खतरा है और उसकी सुरक्षा एनएसजी कर सकती है.
एनएसजी इसलिए भी कि एक तरफ तो एनएसजी में बेहद संवेदनशील हथियार और इंटरसेप्टर होते है और इसके अलावा एनएसजी का एक कंमाडो एक दर्जन लोगों पर भारी पड़ सकता है.

कितने कमांडो करेंगे सुरक्षा ?

गृह मंत्रालय के फैसले के बाद कल ही एनएसजी की टीम ने लखनऊ पहुंचकर सुरक्षा का जायजा लिया था. खतरे की आशंका के हिसाब से एनएसजी हर समय साथ रहने वाले कमांडो की संख्या तय करती है. वैसे एक टीम में 25 से ज्यादा सदस्य होते हैं जो 24 घंटे साथ होते हैं. इनकी संख्या एक वक्त में पांच से लेकर एक दर्जन तक हो सकती है.

योगी को क्यों मिली सुरक्षा ?

मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी के लिए संभावित खतरे के मद्देनजर केंद्र सरकार ने उन्हें एनएसजी कवर देने का फैसला किया है. हालांकि सूत्रों का ये भी कहना है कि नए थ्रेट एसेसमेंट में योगी का मुख्यमंत्री पद भी शामिल था. ऐसे में उन्हें मिलने वाली धमकियो के मद्देनजर एनएसजी कवर फाइनल किया गया था.