पटना: केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी प्रमुख रामविलास पासवान ने बिहार में राज्यसभा उपचुनाव के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में नामांकन पत्र दाखिल किया. राज्यसभा की इस सीट पर उपचुनाव पासवान के कैबिनेट सहयोगी और बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद के लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद अपनी सीट छोड़ने के बाद कराना जरूरी हो गया था.


रामविलास पासवान करीब दोपहर में राजधानी दिल्ली से पटना पहुंचे और सीधे अपनी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय गए जहां से वह राज्य विधानसभा परिसर पहुंचे. नीतीश कुमार के अलावा, पासवान के साथ केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और प्रदेश बीजेपी प्रमुख नित्यानंद राय विधानसभा परिसर पहुंचे जहां एलजेपी प्रमुख ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया.


इसे कवर करने के लिए विधानसभा सचिव के चैंबर में बड़ी संख्या में फोटो और वीडियो पत्रकार मौजूद थे. भारी भीड़ के चलते मुख्यमंत्री भड़क गए और संवाददाताओं से कहा कि मर्यादा बनाये रखें. सुरक्षाकर्मियों ने बाद में संवाददाताओं को वहां से हटा दिया.





रामविलास पासवान हाल में सम्पन्न लोकसभा चुनाव नहीं लड़े थे. उन्होंने अपनी पारंपरिक हाजीपुर सीट से अपने छोटे भाई पशुपति कुमार पारस को लड़ाया जिन्होंने एलजेपी के लिए यह सीट बरकरार रखी. पासवान को 30 मई को नरेंद्र मोदी कैबिनेट में फिर से शामिल कर लिया गया था.


रविशंकर प्रसाद पिछले साल लगातार तीसरी बार राज्यसभा के लिए चुने गए थे. उन्होंने पटना साहिब सीट से लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था. राज्यसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 25 जून है.


राज्यसभा के लिए उपचुनाव तीन राज्यों में हो रहा है. नामांकन पत्रों की जांच अगले दिन 26 जून को होगी. नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 28 जून है जबकि मतदान और मतगणना पांच जुलाई को होगी. बिहार में एनडीए को राज्य विधानसभा में पर्याप्त बहुमत है और राज्यसभा के लिए रामविलास पासवान का निर्वाचित होना लगभग तय माना जा रहा है.