नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में टिकट वितरण कांग्रेस के लिए बड़ा सिरदर्द बनता जा रहा है. जानकारी के मुताबिक बुधवार रात नौबत कुछ ज्यादा ही खराब हो गई. एबीपी न्यूज़ को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गुना से लोकसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने ही भिड़ गए.
सूत्रों के मुताबिक अपने समर्थक उम्मीदवारों को प्रत्याशी बनाने की पैरवी में दोनों आमने सामने आ गए और जमकर तीखी नोकझोंक हुई. हालात इतने बिगड़ गए कि राहुल गांधी को खुद बीच बचाव के लिए उतरना पड़ा. साथ ही तीन सदस्यों की एक कमेटी का भी गठन किया गया, इसमें अहमद पटेल, अशोक गहलोत और वीरप्पा मोइली को शामिल हैं.
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के बारे में जग जाहिर है कि 15 सालों से शिवराज सिंह चौहान को नहीं हरा पाने की कांग्रेस की सबसे बड़ी वजह पार्टी बड़े नेताओं के बीच के मतभेद हैं. दिग्विजय खेमा अलग, सिंधिया खेमा अलग तो कमलनाथ खेमा अलग. कम से कम इस बार कांग्रेस एकजुटता लाकर माहौल बनाने की कोशिश पूरी कोशिश में लगी थी.
बुधवार रात चुनाव समिति की बैठक में जो हुआ उससे तो लगता है कि राहुल गांधी इन बड़े नेताओं की आपसी तल्खी कम करने में तरह विफल होते जा रहे हैं. अब देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दोनों नेताओं को साथ ला पाएंगे. साथ ला पाए तो ठीक नहीं तो अंदरूनी खेमेबाजी से पार्टी को नुकसान तो जरूर होगा.
कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई पर बीजेपी की चुटकी
कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई पर बीजेपी ने चुटकी ली है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ''कांग्रेस के भीतर लड़ाई चल रही है. पता चला है कि कल मध्यप्रदेश में टिकट को लेकर हाथापाई की नौबत आ गई. दिग्विजय सिंह को चिट्ठी लिखनी पड़ रही है.'' संबित ने कहा कि राहुल गांधी कंफ्यूज नेता हैं. देश को मोदी जी जैसा नेता चाहिए जो अपनी नीतियों और कामों में स्पष्ट हैं.