(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
आपदा प्रबंधन अधिनियम को हल्के में लेने वाले को हो सकती है बड़ी परेशानी, उत्तराखंड में 200 पर मुकदमा दर्ज
उत्तराखंड में क्वारंटाइन नियमों का उल्लंघन करने 200 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया जा चुका है. आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत होने वाली ये कार्रवाई भविष्य में बड़ी परेशानी पैदा कर सकती है.
देहरादून: उत्तराखंड में क्वारंटाइन नियमों की अनदेखी पर लगातार कार्रवाई हो रही है. आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत हो रहे मुकदमे युवाओं के करियर में बड़ी बाधा बन सकते हैं. अभी तक ऐसे मामलों में करीब 200 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं.
अन्य की तुलना में आपदा प्रबंधन अधिनियम ज्यादा सख्त दरअसल, कोरोना संकट काल के दौरान किसी भी तरह से कानून के उल्लंघन पर पुलिस द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. जिन भी लोगों पर डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं, वो लोग भले ही इसे हल्के में ले रहे हों, लेकिन आने वाले समय में उनके लिए ये बड़ी मुसीबत से कम नहीं होंगे, क्योंकि आपदा प्रबंधन अधिनियम और कानूनों की तुलना में ज़्यादा सख्त हैं.
200 लोगों पर क्वारंटाइन नियमों की अनदेखी पर मुकदमा दर्ज उत्तराखंड में अभी तक करीब 200 लोगों पर क्वारंटाइन नियमों की अनदेखी पर पुलिस मुकदमा दर्ज कर चुकी है. ये सभी मुकदमे डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट यानी की आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत दर्ज किए गए हैं. पुलिस ने बाहर से जो भी लोग क्वारंटाइन किए गए हैं, उनसे अपील की है कि नियमों की अनदेखी ना हो, बावजूद इसके कई मामलों की शिकायत पुलिस को मिल रही है और यही वजह है कि करीब 200 लोगों पर क्वारंटाइन नियमों की अनदेखी करने पर मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं और लगातार ये सिलसिला जारी भी है.
अभी तक डेढ़ लाख के करीब लोग पहुंच चुके हैं उत्तराखंड उत्तराखंड में बाहर से अभी तक डेढ़ लाख के करीब लोग पहुंच चुके हैं. ऐसे में लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया है, लेकिन कई लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. ऐसे में ये लोग खुद के साथ-साथ और लोगों के लिए भी खतरा बन रहे हैं. पुलिस के साथ-साथ प्रशासन ने भी अपने तहसीलों में नंबर जारी किए हुए हैं, जहां पर लोग ऐसे लोगों की शिकायत कर सकते हैं. पुलिस को हेल्पलाइन नंबर-112 पर कई फोन कॉल आ रही हैं, जिसके बाद पुलिस कार्रवाई कर रही है. जो भी लोग क्वारंटाइन नियमों की अनदेखी करने वालों की शिकायत पुलिस को दे रहे हैं, उनके नाम भी गुप्त रखे जा रहे हैं.
देहरादून के डीएम का बयान सवाल ये है कि जिन भी लोगों पर ये मुकदमे दर्ज हो रहे हैं, उनके लिए आने वाले समय में ये बड़ी परेशानी बन सकते हैं. जिलाधिकारी देहरादून ने भी कहा है कि इस एक्ट के तहत कार्रवाई को हल्के में नहीं लेना चाहिए. डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट और कानूनों से ज़्यादा सख्त हैं. खासतौर पर जो युवा हैं, उनके करियर में इस तरह का मुकदमा बड़ी बाधा बन सकता है.
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