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प्रयागराज: इस शक्तिपीठ में नहीं है देवी मां की कोई मूर्ति, श्रद्धालु करते हैं पालने की पूजा, पर इस नवरात्र पर नहीं हो सकेंगे दर्शन
शक्तिपीठ अलोप शंकरी में माता की कोई मूर्ति नहीं है वहां मूर्ति के बजाय एक पालने की पूजा की जाती है. कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए शक्तिपीठ भी पूरे नवरात्र भर बंद रहेगा.
![प्रयागराज: इस शक्तिपीठ में नहीं है देवी मां की कोई मूर्ति, श्रद्धालु करते हैं पालने की पूजा, पर इस नवरात्र पर नहीं हो सकेंगे दर्शन In view of the danger of corona virus, Alop Shankari Shaktipeeth will also be closed throughout Navratri in Prayagraj प्रयागराज: इस शक्तिपीठ में नहीं है देवी मां की कोई मूर्ति, श्रद्धालु करते हैं पालने की पूजा, पर इस नवरात्र पर नहीं हो सकेंगे दर्शन](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/03/24231728/alop-shankari.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
प्रयागराज: चैत्र नवरात्र कल से शुरू हो रहा है, लेकिन कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनज़र इस बार नवरात्र पर श्रद्धालु ज़्यादतर शक्तिपीठों व देवी मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना नहीं कर सकेंगे. जिन शक्तिपीठों में नवरात्र पर श्रद्धालुओं की इंट्री और दर्शन पर पाबंदी लगाई गई है, उनमे संगम नगरी प्रयागराज की शक्तिपीठ अलोप शंकरी भी शामिल है. कोरोना के खतरे के चलते यह शक्तिपीठ भी पूरे नवरात्र भर बंद रहेगा.
मंदिर में प्रतीकात्मक तौर पर श्रृंगार, पूजा- अर्चना और आरती तो होगी, लेकिन यहां श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा. प्रयागराज के सभी दूसरे देवी मंदिरों को भी पूरे नवरात्र तक के लिए बंद कर दिया गया है.
प्रयागराज में कोरोना की वजह से वैसे भी लाकडाउन है और लोगों के घरों से निकलने से पाबंदी है. मंदिर कमेटियों और धर्मगुरुओं ने भी श्रद्धालुओं से घर पर ही पूजा अर्चना करने और बाहर नहीं निकलने की अपील की है. प्रयागराज में संगम के नजदीक स्थित अलोप शंकरी मंदिर इकलौती ऐसी शक्तिपीठ है, जहां देवी मां की कोई मूर्ति नहीं है. श्रद्धालु यहां एक पालने की पूजा करते हैं. देवी मां के स्वरुप के तौर पर लोग पालने का ही दर्शन करते हैं.
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक़ शिवप्रिया सती के दाहिने हाथ की छोटी उंगली यहां गिरी थी. उस वक्त यहां तालाब यानी कुंड होता था. देवी की उंगली इसी कुंड में गिरकर अलोप यानी अदृश्य हो गई थी. इसी वजह से इसे अलोप शंकरी नाम दिया गया है. नवरात्र पर यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. रोज़ाना हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं, लेकिन कोरोना के चलते इस बार मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह बंद कर दिया गया है.
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