टिहरी। इस फायर सीजन में मौसम और लॉक डाउन की वजह से वन विभाग को बड़ी राहत मिली है. टिहरी जिले में पिछले चार सालों की अपेक्षा इस वर्ष जंगल में आग की घटनाएं अभी तक ना के बराबर हैं. मई माह में जहां आग लगने की घटनाएं अपने चरम पर पर होती थीं, वहां अभी तक ऐसी कोई बड़ी घटना सामने नहीं आई है.


15 फरवरी से 15 जून तक होने वाले फायर सीजन में हर वर्ष कई हेक्टेयर जंगल आग की भेंट चढ़ जाते थे. वन विभाग को लाखों की वन सम्पदा का नुकसान उठाना पड़ता था. लेकिन इस वर्ष वन विभाग चैन की सांस ले रहा है. मौसम में बदलाव के चलते बारिश और कोरोना संक्रमण के चलते हुआ लॉक डाउन इसका मुख्य कारण है. बारिश के चलते जहां जंगल आग से बचे रहे, वहीं लॉक डाउन के चलते मानवजनित आग की घटनाओं को भी रोकने में मदद मिली.


मई माह में वनाग्नि की घटनाएं सबसे ज्यादा सामने आती थीं. पिछले वर्ष मई माह में ही 70 से अधिक वनाग्नि की घटनाएं सामने आई थी लेकिन अभी तक सिर्फ एक घटना सामने आई है, जो मामूली थी.


आइये एक नजर डाल लेते हैं पिछले चार वर्षों के आंकड़ों पर


वर्ष 2016 में 240 आग की घटनाएं
वर्ष 2017 में 75 आग की घटनाएं
वर्ष 2018 में 166 आग की घटनाएं
वर्ष 2019 में 212 आग की घटनाएं


वहीं 2020 में अभी तक सिर्फ एक ही आग की घटना हुई है. वन विभाग के अधिकारी भी इसे मौसम और लॉक डाउन की मेहरबानी मान रहे है और विभाग आगे के लिए एलर्ट मोड पर है. इस वर्ष मौसम और लॉक डाउन के चलते जहां वनाग्नि को रोकने में मदद मिली है वहीं ये वन विभाग के लिए भी राहत की बात है.