33 घंटों से कमलनाथ के करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी जारी, CM बोले- चुनाव में बीजेपी को फायदा पहुंचाने की कोशिश
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों के ठिकानों पर कल से ही आयकर विभाग की छापेमारी की जा रही. चुनावी मौसम में आयकर विभाग की इस छापेमारी को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने है.
भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों के ठिकानों पर पिछले करीब 33 घंटों से छापेमारी जारी है. आयकर विभाग (आईटी) का कहना है कि कर चोरी और हवाला लेन-देन के आरोपों में यह छापेमारी की जा रही है. एक अधिकारी ने कहा कि आयकर विभाग के करीब 200 अधिकारियों की टीम ने रविवार तड़के तीन बजे दिल्ली और मध्य प्रदेश में 52 ठिकानों पर छापेमारी शुरू की और 10 से 14 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी बरामद की.
छापेमारी के दौरान भोपाल में आयकर विभाग के साथ आई सीआरपीएफ की टीम और मध्य प्रदेश पुलिस के बीच झड़प भी देखने को मिली. एक कॉम्पलेक्स के भीतर आयकर विभाग के अधिकारी लोगों से पूछताछ कर रहे थे और बाहर सीआरपीएफ के जवान उनकी सुरक्षा में तैनात थे. तभी मौके पर मध्य प्रदेश पुलिस पहुंच गई और इसके बाद देखते ही देखते भारी हंगामा शुरू हो गया. ऐसी ही स्थिति कोलकाता में देखने को मिली थी जब सीबीआई की टीम तत्कालीन पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ के लिए पहुंची थी.
कमलनाथ का आरोप चुनावी मौसम में आयकर विभाग की छापेमारी को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि पूरा देश जानता है कि संवैधानिक संस्थाओं का किस तरह व किन लोगों के खिलाफ और कैसे इस्तेमाल ये लोग पिछले पांच वर्षो में करते आए हैं.
कमलनाथ ने कहा, ''जब इनके पास विकास पर अपने काम पर कुछ कहने को बोलने को नहीं बचता है तो ये विरोधियों के खिलाफ इस तरह के हथकंडे अपनाते हैं. जब लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपनी हार सामने नजर आने लगी है तो इस तरह की कार्रवाई जानबूझकर चुनाव में लाभ लेने के लिए की जाने लगी है.''
शिवराज का पलटवार वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार किया. उन्होंने कहा, ''मध्य प्रदेश शांति का टापू है लेकिन उसे संविधान को ध्वस्त करने के लिए संघर्ष का अखाड़ा बना दिया गया है. आदर्श आचार संहिता लागू है, किसके निर्देश पर पुलिस वहां गई? भ्रष्टाचारियों को बचाने का प्रयास हम सफल नहीं होने देंगे.''
सूत्रों का दावा सूत्रों ने बताया कि तलाश अभियान दिल्ली की जांच शाखा और भोपाल और रायपुर की उसकी इकाइयों की मदद से चलाया जा रहा है. अधिकारियों ने राज्य में प्रवेश के लिए बसों, ऑटोरिक्शा और टैक्सी का इस्तेमाल किया ताकि किसी को भी इसकी भनक न लगे. उन्होंने बताया कि यह छापेमारी मौजूदा चुनावी सीजन में संदिग्ध हवाला धन की संदिग्ध आवाजाही और कर चोरी के मामले में की गई है.
किन लोगों के खिलाफ छापेमारी? अधिकारियों ने बताया कि आयकर अधिकारियों ने इंदौर, भोपाल, गोवा और दिल्ली (ग्रीन पार्क) में छापेमारी की. जिन लोगों पर छापेमारी की गई, उनमें कमलनाथ के पूर्व ओएसडी प्रवीण कक्कड़, अश्विन शर्मा, प्रतीक जोशी, पूर्व सलाहकार राजेंद्र मिगलानी और उनके रिश्तेदार की कंपनी मोजर बेयर और उनके भांजे रातुल पुरी की कंपनी से जुड़े अधिकारी शामिल हैं. आयकर विभाग की छापेमारी पर अश्विन शर्मा ने कहा कि मेरा क्या करेंगे ये पैसा ही ले जाएंगे और क्या?
जिन 52 स्थानों पर छापेमारी की गई, उनमें अहमदाबाद की कुछ जगह भी शामिल हैं. कक्कड़ से कथित तौर पर जुड़े़ अश्विन शर्मा की भोपाल के प्लेटिनम प्लाजा रेजिडेंसी में भी अभियान के तहत तलाशी ली गई. अधिकारियों ने बताया कि लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से पहले ही कक्कड़ और मिगलानी ने इस्तीफा दे दिया था.
अधिकारियों ने बताया कि 281 करोड़ रुपये के बेहिसाब लेनदेन से जुड़े दस्तावेजों की पड़ताल की जा रही है और उनमें से कई को जब्त कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि छापेमारी वाली कुछ जगहों से महंगी शराब की बोतलें, आग्नेय अस्त्र भी बरामद किए गए.
सूत्रों ने बताया कि कोलकाता के कारोबारी पारसमल लोढ़ा के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई. लोढ़ा को प्रवर्तन निदेशालय ने नोटबंदी के बाद धनशोधन के आरोपों में गिरफ्तार किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग के पास इस बार लोढ़ा से जुड़े लोगों के हवाला लेनदेन में शामिल होने की सूचना है. यह लेनदेन कमलनाथ के रिश्तेदार दीपक पुरी के खिलाफ चल रहे धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) मामले से जुड़ा हुआ है.
मध्य प्रदेश पुलिस के पूर्व अधिकारी कक्कड़ को राज्य में कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार के पिछले साल सत्ता में आने के बाद कमलनाथ का ओएसडी नियुक्त किया गया था. इससे पहले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के समय वह पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के ओएसडी थे.