भोपाल: मध्य प्रदेश की नई नवेली कांग्रेस सरकार की मुश्किलें कम नहीं हो रही है. मंत्रियों के शपथ ग्रहण के कई दिन बीत जाने के बावजूद विभागों का बंटवारा नहीं होने की वजह से विपक्षी पार्टी बीजेपी हमलावर है. तो वहीं मंत्री का पद नहीं मिलने से कई विधायक नाराज हैं. बुरहानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह ने कमलनाथ सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम दिया है.


उन्होंने कहा कि यदि 5 दिन में मंत्री नहीं बनाया तो हमारे बिना सरकार नहीं चलेगी. हमारे सपोट से ही सरकार चल रही है. इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हडकंप मच गया है. उन्होंने कमलनाथ पर वादाखिलाफी का आरोप भी लगाया.


अखिलेश नाराज


कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी भी मंत्री पद नहीं मिलने से नाराज है. यही नहीं समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस से गठबंधन नहीं करने की बात कही है. उन्होंने कल कहा, "हमने मध्य प्रदेश में कांग्रेस को बिना शर्त समर्थन दिया है, फिर भी कांग्रेस ने हमारे विधायक को मंत्री नहीं बनाया. ऐसी हरकत कर कांग्रेस ने यूपी में हमारा रास्ता साफ कर दिया है."


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मुरैना के नेता का इस्तीफा


कांग्रेस की मुरैना जिले की विकासखंड इकाई के अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और लोकसभा चुनाव में गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी दी है. मुरैना के सुमावली से चुनाव जीते पूर्व मंत्री एदल सिंह कंसाना के समर्थक मंत्रियों के शपथ लेने के बाद से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.


मुरैना जिले की बागचीनी विकासखंड इकाई के अध्यक्ष मदन शर्मा ने गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को अपना इस्तीफा भेजा है. शर्मा का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि मुरैना-श्योपुर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस को बड़ी सफलता मिली है, मगर मंत्री किसी भी विधायक को नहीं बनाया गया है. लिहाजा, इससे कार्यकर्ताओं में असंतोष है, इसके चलते आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी को बड़ा नुकसान होना तय है.


शिवराज का तंज


मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस की सरकार बनने मगर मंत्रियों के विभागों का बंटवारा न हो पाने पर तंज सका है. उन्होंने कहा कि विभागों के बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान से पता ही नहीं चल पा रहा है कि सरकार कौन चलाएगा.


चौहान ने कहा कि कांग्रेस सरकार के मंत्रियों की शपथ तो हो गई, लेकिन विभाग अब तक तय नहीं हुए हैं. बिना विभाग तय हुए, कैबिनेट की बैठकें हो रही हैं. मंत्री तय हो गए, तो अब विभागों के लिए पार्टी में रस्साकशी और मारकाट मची है. हर नेता कहता है, मेरे मंत्री को ये विभाग चाहिए. इसी खींचतान के चलते अब तक विभाग तय नहीं हो सके.


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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 114 सीटों पर जीत मिली है जो बहुमत के आंकड़े 116 से दो सीटें कम है. कांग्रेस को बीएसपी के दो, समाजवादी पार्टी का एक और चार निर्दलीय सदस्यों का समर्थन मिला है. प्रदेश में कुल 230 सीटें है और बीजेपी ने 109 सीटों पर जीत दर्ज की है.