इलाहाबाद: सरकारी आयोजनों के भगवाकरण के आरोप में घिरी यूपी की योगी सरकार ने अब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जन्मदिन पर होने वाली मैराथन दौड़ की प्रचार सामाग्रियों व इनविटेशन कार्ड को भी केसरिया रंग में तैयार कराकर एक नया विवाद पैदा कर दिया है.
यूपी के सीएम दफ्तर पर भी चढ़ा भगवा रंग
उन्नीस नवम्बर को इलाहाबाद में होने वाली मैराथन दौड़ के जितने भी बैनर पोस्टर व आमंत्रण कार्ड तैयार किये गए हैं, वह सभी या तो भगवा रंग में है या फिर बीजेपी के झंडे वाले लाल व हरे रंग में. इतना ही नहीं मैराथन के इंडिकेशन बोर्डों को भी केसरिया रंग में ही तैयार किया गया है. कांग्रेस पार्टी ने इस पर कडा एतराज जताते हुए योगी सरकार पर बड़ा निशाना साधा है तो आयोजन से जुड़े अफसरान इसे महज इत्तफाक करार दे रहे हैं.
क्या ये सिर्फ इत्तेफाक है
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जन्मदिन पर हर साल उनकी जन्मस्थली इलाहाबाद के आनंद भवन से शुरू होने वाली मैराथन दौड़ इस बार भी पहले से तय जगह व तारीख पर ही होगी, लेकिन योगीराज में पहली बार हो रही यह मैराथन आयोजन से पहले ही विवादों में घिर गई है.
इस विवाद का सबब बना है आयोजन का भगवाकरण किया जाना. इससे पहले जो भी प्रचार सामग्रियां होती थीं, वह या तो तिरंगे बैकग्राउंड में होती थीं या फिर सफ़ेद में. प्रचार सामाग्रियों के भगवाकरण के साथ ही यह पहली बार होगा कि केंद्र या प्रदेश सरकार का कोई मंत्री अथवा बड़ा अधिकारी इसके उदघाटन व पुरस्कार वितरण समारोह में शामिल नहीं होगा.
अब सड़क किनारे वाले बोर्ड भी होंगे भगवा
वैसे यूपी के खेल विभाग और इलाहाबाद के जिला प्रशासन द्वारा आयोजित इस मैराथन में कई बार प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तक शामिल हुए हैं. पीएम व सीएम के न आने पर केंद्र अथवा यूपी सरकार के मंत्री और बड़े अफसरान इसमें शामिल होते थे, लेकिन इस बार उदघाटन व पुरस्कार वितरण दोनों में ही न तो कोई मंत्री शामिल होगा और न ही अफसर.
आयोजन की प्रचार सामाग्री का भगवाकरण किये जाने पर मैराथन से जुड़े अफसरों को अब जवाब देते नहीं बन रहा है. उनका कहना है यह महज इत्तफाक है और इसे तूल दिया जाना गलत है. अफसरों ने सफाई दी है कि इसके पीछे न तो कोई सियासत है और न ही साजिश.
कांगेस का एतराज
कांग्रेस की कद्दावर नेता रही पूर्व पीएम भारत रत्न इंदिरा गांधी के नाम पर होने वाली मैराथन के भगवाकरण और केंद्र व यूपी सरकार के किसी मंत्री व बड़े अफसर के शामिल न होने पर कांग्रेस पार्टी ने कडा एतराज जताते हुए यूपी की योगी सरकार पर बड़ा हमला बोला है.
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह बीजेपी नेताओं और योगी सरकार के ज़िम्मेदार लोगों की छोटी सोच का नतीजा है. कांग्रेस नेताओं का यह भी आरोप है कि बीजेपी के पास इतिहास बयां करने वाला कोई चेहरा नहीं है, इसलिए वह सरदार पटेल और लाल बहादुर शास्त्री के बाद अब इंदिरा की विरासत के बहाने अपना सियासी फायदा उठाने की कवायद कर रही है.
अखिलेश यादव ने भी दिया है बड़ा बयान
कांग्रेस ने इसे घटिया राजनीति का नमूना भी करार दिया है और कहा है कि योगी सरकार के इस भगवाकरण से इंदिरा की शख्सियत का महत्व कतई कम नहीं होगा. कांग्रेसियों को इस बात का मलाल ज़्यादा है कि योगी सरकार का यह भगवाकरण इंदिरा के जन्म शताब्दी वर्ष पर किया गया है.
आयोजन की खासियत
कांग्रेस के एतराज के बाद योगीराज में होने वाला इंदिरा मैराथन का यह आयोजन विवादों में घिर चुका है. देश में होने वाली बयालीस किलोमीटर दूरी की चुनिंदा मैराथनों में शुमार इंदिरा मैराथन में देश के तमाम नामचीन धावक हिस्सा लेते हैं. इसमें ज़्यादातर सेना के एथलीट्स का जलवा रहता है. इस मैराथन में शामिल होने के लिए धावक पूरे साल तैयारी करते हैं. इसका आयोजन इंदिरा गांधी की शहादत के अगले साल 1985 से शुरू हुआ था. इंदिरा मैराथन का यह तैंतीसवां आयोजन है.