बुलंदशहर, एटा: साल 2015 में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की पोस्टिंग ग्रेटर नोएडा के दादरी में थी. उसी दौरान दादरी में अखलाख हत्याकांड हुआ था. सुबोध इस मर्डर केस में जांच अधिकारी थे. कल हुए बुलंदशहर कांड में अब एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दंगाई ये कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि ये तो वही इंस्पेक्टर है जिसने ग्रेटर नोएडा के अखलाख हत्याकांड की जांच की थी. शहीद इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की बड़ी बहन ने भी अपने भाई की हत्या को अखलाक हत्याकांड से जोड़ दिया है.
वीडियो वायरल होने के बाद अब सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या एक सोची समझी साजिश थी? भीड़ की हिंसा में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध सिंह के पोस्टमार्टम से इस बात की पुष्टि हुई कि उनकी मौत गोली लगने से ही हुई थी. इंस्पेक्टर सुबोध को .32 बोर की गोली सिर में मारी गई थी. साथ ही उन पर धारदार हथियार से भी हमला हुआ था. इंस्पेक्टर सुबोध पहले गुस्साई भीड़ को समझाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन भीड़ ने थाना प्रभारी सुबोध समेत पुलिस वालों पर ही हमला बोल दिया.
सुबोध सिंह की बहन ने कहा, ''मेरा भाई अखलाक केस की जांच कर चुका है इसलिए साजिश के तहत उसकी हत्या की गई है. उसे शहीद घोषित किया जाना चाहिए और स्मारक बनाया जाना चाहिए. मुझे पैसे नहीं चाहिए. मेरे पिता की भी मुठभेड़ में मौत हुई थी. मुख्यमंत्री केवल गाय, गाय, गाय करते हैं. खुद क्यों नहीं गो रक्षा करते हैं?''
आपको बता दें कि अखलाक की बिसाहड़ा गांव में गोमांस रखने के शक में भीड़ ने घर में घुसकर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. उसके बाद क्षेत्र में तनाव फैल गया था. यह गांव जारचा कोतवाली के तहत आता है. उस समय जारचा में सुबोध कुमार सिंह ही प्रभारी थे. उन्होंने घटना के अगले दिन 10 लोगों को गिरफ्तार किया था. हालांकि बाद में चार्जशीट दाखिल किये जाने से पहले उनका ट्रांसफर कर दिया गया था.
सुबोध सिंह के बेटे ने बुलंदशहर में हुई हिंसा के लिए हिंदू-मुस्लिम तनाव को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा, 'मेरे पिता मुझे एक अच्छा नागरिक बनाना चाहते थे जो समाज में धर्म के नाम पर हिंसा ना फैलाए. आज इस हिंदू-मुस्लिम झगड़े की वजह से मेरे पिता की जान चली गई, कल किसके पिता की जान जाएगी?''