लखनऊ: बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी की सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार में रोजगार के अवसर लगातार कम होते जा रहे हैं. इसके बावजूद संकट के ऐसे गंभीर समय में भी बीजेपी की केन्द्र और राज्य सरकारें लापरवाह होकर केवल योग जैसे कार्यक्रमों पर सरकारी धन, संसाधन के साथ-साथ समय खर्च कर रही हैं.


मायावती ने कहा कि ऐसे लोक कार्यक्रमों के लिए बीजेपी सरकार को नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ जैसी संस्थाओं को उत्तरदायी बनाया जाना चाहिए. आखिर आरएसएस को मिलने वाली कई तरह की सरकारी सुविधाएं और छूट का लाभ समाज के सही निर्माण के कार्य में करने के बजाय केवल नफरत की बीज बोने की इजाजत क्यों दी जानी चाहिए.


मायावती ने कहा कि बीजेपी देश के करोड़ों मेहनतकश बेसहारा गरीबों, मज़दूरों, किसानों और बेरोजगारों को रोजगार दिलाकर उनके परिवार का पेट भरने की असली समस्या का समाधान करने की वास्तविक संवैधानिक जिम्मेदारी नहीं निभा रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी की मोदी सरकार सरकारी धन-संसाधन का इस्तेमाल पेट भरे लोगों पर ही कर रही है. मायावती ने आगे कहा कि इसकी वजह से किसान विरोधी नीति और कार्यक्रम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन सही और स्वाभाविक है.


किसानों की गहराती समस्या और आत्महत्या करने तक की जर्बदस्त मजबूरी वास्तव में रोजगार की भी बहुत बड़ी समस्या है, जो दिन-प्रतिदिन बीजेपी की सरकार की गलत नीतियों और कार्यकलापों के कारण लगातार गहराती ही जा रही है. बीएसपी सुप्रीमो ने आगे कहा कि इसकी तरफ सरकार का ध्यान आकृष्ठ करने के लिए अब किसान अगले महीने दिल्ली में नीति आयोग का घेराव करने और जन्तर-मन्तर पर धरना देने जा रहे है.


यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा अब तो आईटी क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर छंटनी और बेरोजगारी की बड़ी समस्या देश के लोगों को सताने लगी है. यह सब बीजेपी सरकार के दौरान रोजगार बिना विकास अर्थात रोजगार सृजन नहीं कर पाने वाले विकास का ही दुष्परिणाम माना जा रहा है.