लखनऊ: उत्तर प्रदेश चुनाव से एन पहले समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह के घर छिड़ी पारिवारिक जंग अब चुनाव के आखिरी दौर में एक बार फिर मुंह उठा रहा है. मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना यादव ने अपनी जबान खोली है और कहा कि उनका काफी अपमान हुआ है और अब वो पीछे नहीं हटेंगी.


न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए लंबे इंटरव्यू में मुलायम परिवार के झगड़े से लेकर चुनाव तक हर मुद्दे पर बात की.


वे सामने आना चाहती थी लेकिन नेताजी नहीं आने देते थे 


मीडिया से अक्सर दूरी बना कर रहने वाली साधना यादव ने कहा कि वे सामने आना चाहती थी लेकिन नेताजी नहीं आने देते थे. साथ ही उन्होंने कहा कि वे समाजसेवा खुलकर करना चाहती हैं. राजनीति में आने को लेकर उन्होंने साफ कहा कि वे राजनीति में नहीं आना चाहती हैं. हालांकि, अपने बेटे प्रतीक को राजनीति में लाने की इच्छा उन्होंने जाहिर की.


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साधना ने कहा कि वे प्रतीक को राजनीति में लाना चाहती हैं


साधना ने कहा कि वे प्रतीक को राजनीति में लाना चाहती हैं. जबकि इससे पहले प्रतीक राजनीति में आने से तौबा कर चुके हैं. सीएम अखिलेश के बारे में उन्होंने कहा कि उनके और अखिलेश के बीच संबंध अच्छे रहे हैं. साथ ही साधना यादव ने कहा कि 'मैंने अखिलेश को हमेशा अपना बेटा माना'.


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मुलायम परिवार की कलह पर भी उन्होंने बेबाक टिप्पणी की


मुलायम परिवार की कलह पर भी उन्होंने बेबाक टिप्पणी की. साधना यादव ने कहा कि उनके घर की लड़ाई किसी से नहीं बल्कि वक्त ने करवाई. इससे पहले कुनबे के लोग 'बाहरी' का नाम लेकर अमर सिंह पर निशाना साधते रहे हैं. हालांकि, साधना यादव ने यह जरूर माना कि कुनबे की कलह का असर चुनाव पर जरूर पड़ेगा.


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'मैंने रामगोपाल के आंसू पोछें हैं'


विवाद में अखिलेश पक्ष से अहम भूमिका निभाने वाले रामगोपाल यादव को लेकर उन्होंने कहा कि 'मैंने रामगोपाल के आंसू पोछें हैं.' उन्होंने साफ कहा कि 'मुलायम परिवार के झगड़े से चुनाव पर असर पड़ेगा.' इसके साथ ही मुलायम की स्थिति को भांपते हुए उन्होंने कहा कि 'झगड़े में नेताजी का अपमान ठीक नहीं था.'


जाहिर कर दिया कि वो शिवपाल के प्रति नरमी रखती हैं


साथ ही उन्होंने यह भी जाहिर कर दिया कि वो शिवपाल के प्रति नरमी रखती हैं. उन्होंने कहा कि 'शिवपाल ने नेताजी के लिए बहुत कुछ किया है और शिवपाल ने भी नेताजी की बेटे जैसे सेवा की है.' साधना यादव ने कहा कि 'शिवपाल के साथ गलत हुआ है'. बाद में उन्होंने कहा कि सभी साथ में बैठकर बात करते तो ये नहीं होता. साधना यादव के अनुसार वे नेताजी और अखिलेश दोनों के साथ हैं.


आपको बता दें कि चुनाव से पहले परिवार में जमकर घमासान हुआ था जिसमें परिवार के लोग खुलकर एक दूसरे के विरोध में खड़े गए थे. उस लड़ाई में जहां खुद मुलायम सिंह को पार्टी के अध्यक्ष पद गंवानी पड़ी वहीं शिवपाल बिल्कुल किनारे कर दिए गए. इस झगड़े में अमर सिंह विलेन के तौर पर उभरे और उन्हें बाहरी बताकर बाहर पूरी तरह से बाहर फेंक दिया गया.