कानपुरः आईपीएस सुरेन्द्र दास चार दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करते रहे लेकिन वो रविवार को जिंदगी की जंग हार गए. जैसे ही रीजेंसी हॉस्पिटल से उनका अंतिम बुलेटिन जारी हुआ सुरेन्द्र दास के परिवार, पुलिस महकमे समेत पूरे शहर में शोक की लहर दौड़ गयी. परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. डॉक्टरों की टीम में भी उन्हें नहीं बचा पाने का दुःख है. आईपीएस सुरेन्द्र दास ने 12 बजकर 19 मिनट पर दम तोड़ दिया.
2014 बैच के आईपीएस सुरेन्द्र कुमार दास बलिया जिले के रहने वाले थे. सुरेन्द्र दास ने बीते बुधवार की रात जहर खाया था. गुरुवार सुबह उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें रीजेंसी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों ने उनके उपचार के लिए मुंबई से एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम को इंस्ट्रूमेंट के साथ बुलाया था. डॉक्टरों का पैनल चार दिनों से लगातार उनके उपचार में लगा था. मुंबई के डॉक्टरों ने उन्हें एक्स्मो मशीन में रखा था. बीते शनिवार को जब उन्हें एक्स्मो मशीन से हटाया गया तो उनके शरीर के कई पार्ट्स काम नहीं कर रहे थे.
सुरेन्द्र दास का ब्रेन, किडनी, लीवर डैमेज हो गया था और बाएं पैर में खून के थक्के जम गए थे. डाक्टरों के पैनल ने शनिवार को उनके पैर का ऑपरेशन कर खून के थक्के हटाये थे, इसके बाद भी उनके शरीर में खून का संचार नहीं हो रहा था. रविवार को उनकी तबियत और बिगड़ गई, जिसके बाद उनकी मौत हो गई.
पुलिस ने बीते गुरुवार को उनके सरकारी आवास की जांच की थी. मौके पर फॉरेंसिक टीम ने भी निरीक्षण किया था. जहां से पुलिस ने सुसाइड नोट बरामद किया था. सुरेन्द्र दास के दोनों मोबाइल टूटे पाए गए और सल्फास की गोली के खाली सैशे भी बरामद हुए थे. पुलिस ने सुसाइड नोट कब्जे में लेकर राइटिंग एक्सपर्ट के पास भेजा था. जांच में घरेलू कलह की बात निकल कर सामने आई थी.
रीजेंसी हॉस्पिटल के सीएमओ राजेश अग्रवाल के मुताबिक, "बड़े दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि सुरेन्द्र दास जिनकी जिंदगी के लिए हम लोग दिन रात प्रयास कर रहे थे वो अब हमारे बीच नहीं रहे. उन्होंने 12 बजकर 19 मिनट पर आखिरी सांसे लीं. हम लोग आज सुबह से ही प्रयास में थे की उनका हार्ट हमारा साथ दे दे लेकिन ऐसा नहीं हो सका."
एसपी सुरेंद्र दास के शव का अंतिम संस्कार लखनऊ में कराया जायेगा. एसपी के परिवार के लोग अस्पताल में हैं. किसी ने कोई आरोप नहीं लगाया है और ना ही सुरेंद्र दास ने अपने सुसाइड नोट में किसी को दोषी बताया है. एसएसपी अनंत देव का कहना है की उन्होंने यह कदम क्यों उठाया उसकी जांच चल रही है. जब उनके परिवार की मानसिक दशा ठीक होगी तब उनसे बातचीत करके आगे की कार्यवाही की जायेगी.