लखनऊ: राम मंदिर पर पीएम मोदी के बयान के बाद माहौल गर्म हो गया है. संत समाज की तरफ से अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. गिरी ने बीजेपी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. नरेंद्र गिरी ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा, ''राम मंदिर को लेकर कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट के जरिए ही फैसला होना है तो फिर बीजेपी इतने दिनों से राम के नाम पर वोट क्यों मांग रही है. कांग्रेस ने मंदिर का ताला खुलवाया और पूजा करवाई, लेकिन बीजेपी ने सिर्फ राम मंदिर के नाम पर वोट मांगा.'' वहीं बाबरी मस्जिद के पक्षकारों का कहना है कि कोई भी देश संविधान से चलता है और हम उनके फैसले का स्वागत करते हैं. पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि पीएम ने जो कहा है ठीक कहा है.


राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने इसे हिंदू जनमानस के साथ धोखा बताते हुए आने वाले समय में चुनाव होने पर बीजेपी को भारी नुकसान होने की बात कही है. उनका कहना है कि राम लला आगर सत्ता देते हैं तो छीन भी सकते हैं. वहीं विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा है कि अब हम लोगों को अगली रणनीति तय करनी पड़ेगी जिसके लिए महाकुंभ में बैठक करके इस पर विचार किया जाएगा.


पीएम मोदी के बयान के बाद कांग्रेस ने पीएम मोदी को घेरा और कोर्ट के फैसले के बाद अध्यादेश की जरुरत से इंकार किया तो वहीं एनडीए की सहयोगी पार्टियों की बड़ी प्रतिक्रिया आयी है. शिवसेना बीजेपी की मंशा पर सवाल उठाए हैं. शिवसेना का कहना है कि मोदी के लिए भगवान राम कानून से बढ़कर नहीं हैं.


शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, ''सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि राम मंदिर तत्काल रूप से देखने के लिए महत्वपूर्ण विषय नहीं है, पीएम मोदी ने अलग क्या कहा ? भूमिका स्पष्ट करने के लिए मोदी का अभिनंदन, राम मंदिर के लिए अध्यादेश नही निकालेंगे, इनका संवैधानिक तरीके का अर्थ ऐसा कि प्रभु श्रीराम कानून से बड़े नहीं हैं.''