नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा है कि आईआरसीटीसी होटल आवंटन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनके पास लालू यादव और उनकी पत्नी समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं. ऐसे में चार्जशीट का संज्ञान लेते हुए कोर्ट उन्हें आरोपी के तौर पर तलब कर सकती है. ईडी ने दिल्ली की एक कोर्ट से ये बात कही. विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने प्रसाद, उनकी पत्नी और उनके पुत्र और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को आरोपी के तौर पर तलब करने वाली याचिका पर आदेश 11 सितंबर तक सुरक्षित रख लिया.
ईडी के विशेष लोक अभियोजक अतुल त्रिपाठी ने कोर्ट से कहा कि एजेंसी ने आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटाए थे और चार्जशीट के साथ उसे सौंपा था. वकील ने कहा, ‘‘ये सबूत आरोप पत्र का संज्ञान लेने और उसमें नामजद लोगों को आरोपी के तौर पर तलब करने के लिये पर्याप्त हैं.’’
ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कल दायर चार्जशीट में आरजेडी नेता प्रेमचंद गुप्ता, उनकी पत्नी सरला गुप्ता, लारा प्रोजेक्ट्स और 10 अन्य को भी नामजद किया था. ईडी ने कहा कि लालू यादव और आईआरसीटीसी अधिकारियों ने पुरी और रांची में रेलवे के दो होटलों के सब लीज का अधिकार कोचरों के स्वामित्व वाले मेसर्स सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड को देने में अपने पद का कथित तौर पर दुरुपयोग किया.
होटलों के सब लीज के बदले में पटना में 358 डेसीमल का एक प्रमुख भूखंड सर्किल रेट की तुलना में काफी कम दर पर मेसर्स डेलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (प्रेमचंद गुप्ता के परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी) के नाम किया गया. उस कंपनी ने काफी कम कीमत पर शेयरों की खरीद के जरिए भूखंड को धीरे-धीरे राबड़ी देवी और उनके पुत्र तेजस्वी यादव के नाम पर कर दिया था.