पटना: एबीपी न्यूज़ की खबर का बड़ा असर हुआ है. रेलवे टेंडर घोटाले में रेलवे के एक अधिकारी के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने हरी झंडी दे दी है. अब रेलवे को इस बारे में आखिरी फैसला लेना है. एबीपी न्यूज़ ने बताया था कि रेलवे की कंपनी आईआरसीटीसी के अधिकारी रहे बीके अग्रवाल का नाम सीबीआई की चार्जशीट में आया था लेकिन उनके खिलाफ रेलवे से अनुमति नहीं मिलने के कारण अदालत में आगे की कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही थी.


इसी मामले में तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव, उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव भी आरोपित हैं. लालू परिवार पर आरोप है कि रेल मंत्री रहते लालू ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एक होटल की कंपनी को रेलवे से फायदा पहुंचाया. बाद में उसके बदले पटना में बेशकीमती ज़मीन ले ली.


इस अनुमति के बाद लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती है. क्योंकि कोर्ट संज्ञान लेती है तो इस मामले में सभी को सम्मन जाएगा और फिर कोर्ट में हाज़िर होना होगा. अब तक संज्ञान नहीं लिए जाने की वजह से ट्रायल शुरू नहीं हो पाया है.


इस मामले में राज्य सभा सांसद और लालू के करीबी प्रेम गुप्ता और उनका परिवार भी आरोपी है. सरकारी अधिकारी होने के नाते रेलवे बोर्ड के एडिशनल मेंबर बीके अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं मिल रही थी. एबीपी न्यूज़ पर खबर चलने के बाद इस मामले में तेजी आई और अब सीवीसी ने अपना मन्तव्य दे दिया है. ऐसे में 27 जुलाई को दिल्ली के सीबीआई की अदालत में सुनवाई होनी है. उम्मीद की जा रही है कि रेलवे भी इस मामले में अनुमति दे देगा.