पटना: चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव को दोहरा झटका लगा है. आज झारखंड हाई कोर्ट ने जमानत बढ़ाने से इनकार करते हुए 30 सिंतबर तक लालू यादव को सरेंडर करने को कहा है. वहीं दूसरी तरफ ईडी ने रेलवे टेंडर घोटाला मामले में लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. चार्जशीट में मनी लांड्रिग मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव, उनके करीबी पीसी गुप्ता और उनकी पत्नी सरला गुप्ता का नाम है. अब इस जेडीयू ने लालू परिवार पर निशाना साधा है.
पैसे का हवस पूरे लालू परिवार को है: संजय सिंह
जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि पैसे का हवस लालू यादव के पूरे परिवार को है. इसके साथ ही संजय सिंह ने तेजस्वी यादव से इस्तीफे की मांग की है. संजय सिंह ने कहा, ‘’ जो सच है वो सामने आ गया लालू प्रसाद के पूरे परिवार का. इनका जो 15 साल का जंगल राज था और जो पैसे का हवस था, इन्होंने इतना पैसा कमाकर 29 साल में सम्पत्ति अर्जित कर लिया. तेजस्वी यादव अरबों में खेलने वाला व्यक्ति है. चार्जशीट दाखिल हो गया है तो अब तेजस्वी यादव को प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा देना चाहिए. राबड़ी देवी भी विधानपरिषद की नेता हैं उनको भी इस्तीफा देना चाहिए.’’
संजय सिंह ने एबीपी न्यूज़ का किया धन्यवाद
संजय सिंह ने रेलवे टेंडर घोटाले मामले में हो रही देरी की खबर को दिखाने के लिए एबीपी न्यूज़ का धन्यवाद भी किया. उन्होंने कहा, ‘’मैंने पहले भी रेलवे टेंडर घोटाला में कहा था, इसमें देर क्यों हो रही है, लेकिन एबीपी चैनल को मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ कि उन्होंने इसे प्रमुखता से दिखाया था. आज ईडी ने एक दर्जन लोगों पर पटियाला कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया है. हमने जो सवाल किया था वो सच साबित हुआ, इतने गरीबों का धन मारकर आज अपना महल खड़ा कर लिए. नौकरी के नाम पर जो गरीब लोग रोड पर तरस रहा था उनसे भी पैसा ले लिया गया.’’ उन्होंने कहा कि कानून अपना काम करता है लेकिन लालू जी को राज्यरोग हो गया उनको क्या दिक्कत है रिम्स में भी इलाज हो जाएगा जेल में भी हो जाएगा.
ईडी की चार्जशीट में हैं ये बातें
ईडी ने चार्जशीट में कहा है, ‘‘काफी महंगी जमीन से लैस वह कंपनी धीरे-धीरे राबड़ी देवी और तेजस्वी को ट्रांसफर कर दी गई. बहुत ही मामूली कीमत पर शेयर खरीद कर ऐसा किया गया.’’ ईडी ने कहा, ‘‘जमीन हासिल करने के लिए इस्तेमाल में लाई गई धनराशि संदिग्ध स्रोत से आई थी और मेसर्स अभिषेक फाइनांस कंपनी लिमिटेड नाम की एक एनबीएफसी का इस्तेमाल करके पी.सी. गुप्ता से जुड़ी कंपनियों के जरिए उसका धनशोधन किया गया था.’’
इसके बाद राबड़ी देवी और तेजस्वी ने उचित बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के शेयर खरीदे थे. चार्जशीट के मुताबिक, ‘‘यह गौर करने लायक है कि राबड़ी देवी की ओर से शेयरों की खरीद के लिए इस्तेमाल किए गए धन सवालों के घेरे में हैं और तेजस्वी ने जिनसे शेयर खरीदे, उन्होंने वह शेयर अपने पास होने से इनकार किया है.’’ ईडी ने कहा कि उसने इस मामले में अब तक 44 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की है. सीबीआई ने भी कुछ समय पहले इस मामले में एक आरोप-पत्र दायर किया था.