नई दिल्ली: पीएम मोदी के 'राजनीतिक दुश्मन' को नीतीश के दोस्त का साथ मिल गया है. बंगाल में टीएमसी नेता और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जेडीयू के उपाध्यक्ष प्रशान्त किशोर चुनाव में मदद करेंगे. ममता और मोदी के बीच तलवारें खिंची हुई है. बंगाल की जीत या हार दोनों के लिए नाक का सवाल है. ऐसे में प्रशांत किशोर जिन्होंने हाल में आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी को बंपर जीत दिलवाई है उसका असर बंगाल के चुनावी रणनीति पर पड़ना तय है.


केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने से नीतीश और मोदी के बीच तल्खी बढ़ी हुई है. वहीं जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक बीच का रास्ता अपना रहे हैं. अजय आलोक ने कहा, " प्रशान्त किशोर का ममता बनर्जी से मुलाकात करने के विषय की जरा भी जानकारी जेडीयू को नही है. हम उतने ही अंधकार में है जितना कि आप और इसपर प्रकाश डालने के लिए उपयुक्त व्यक्ति स्वयं प्रशान्त किशोर ही है.''


अजय आलोक ने आगे कहा, '' जहां तक बात है गठबंधन की है तो प्रशान्त किशोर यहां सरकार बनने के बाद शामिल हुए थे इसलिए गठबंधन पर इसका कोई असर नही पड़ेगा. इस बात के लिए जेडीयू जिम्मेदार नहीं कि उन्होंने क्या किया है. इसका जवाब वो खुद देंगे. जेडीयू का इससे दूर-दूर तक कोई लेना देना नही है और हम बीजेपी के साथ पूरी मजबूती के साथ सरकार में है और सरकार चला रहे है.''


वहीं बीजेपी नेता पीके का ममता से मुलाकात करने को ज़्यादा तवज़्ज़ो नहीं दे रहे हैं. बीजेपी कोटा से मंत्री विनोद नारायण झा ने कहा, '' इस विषय की विस्तृत जानकारी मुझे नहीं है. प्रशान्त किशोर निश्चित रूप से व्यवसाय करते हैं. हम उन्हें जेडीयू के उपाध्यक्ष के रूप में जानते हैं,लेकिन ये भी सच है कि ममता बनर्जी काफी फ्रस्टेशन में है. उनकी सियासी जमीन खिसक गई है और इसलिए वो हाथ पैर मार रही हैं.'' विनोद नारायण ने आगे कहा, '' मेरा उनसे निवेदन है कि उन्हें चुनाव प्रबंधक से मिलने के बजाय जनता से मिलने की आवश्यकता है.''


वहीं आरजेडी प्रशान्त किशोर का पक्ष ले रही है. आरजेडी प्रवक्ता शक्ति सिंह ने कहा कि यह उनका अपना बिजनेस है. इसपर किसी को क्यों आपत्ति है. हां, वह जेडीयू के उपाध्यक्ष है यह अलग बात है. कोई भी अपना कंपनी चला सकता है. इससे पहले वह बीजेपी और हम लोगों के लिए भी काम कर चुके हैं. उनका काम प्रचार-प्रसार और स्लोगन का है. अभी विधानसभा मे वायएसआर के लिए चुनाव प्रचार किया तो उस पर सवाल नही उठा. बीजेपी खुद दबाव में रखना चाहते है.


बता दें कि पटना में नौ जून को जेडीयू कार्यकरिणी की बैठक है. उम्मीद को जा रही है कि प्रशान्त किशोर भी इस बैठक में शामिल होंगे. ऐसे में देखना होगा कि जेडीयू नेता नीतीश कुमार प्रशान्त किशोर के इस कदम पर क्या बोलते हैं. प्रशान्त किशोर आई पैक नाम की संस्था के तहत चुनावी रणनीति का काम देखते हैं.


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