नई दिल्ली: बिहार के सीएम नीतीश कुमार को लेकर देश की राजनीति में एक नई चर्चा चल रही है. चर्चा है कि लोकसभा चुनाव में अगर एनडीए को बहुमत नहीं मिला तो फिर नीतीश कुमार भी पीएम के दावेदार हो सकते हैं. दरअसल मंगलवार को मुंबई में नीतीश की पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद ये खबर निकली कि प्रशांत नीतीश को पीएम बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. जेडीयू के प्रवक्ता अरविंद निषाद ने ट्विटर पर बयान देकर इस खबर को हवा देने का काम किया.


निषाद ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि माननीय नीतीश जी पीएम के लिए योग्य नेताओं में से एक हैं. लेकिन इस वक्त जेडीयू का एक ही लक्ष्य है नरेंद्र मोदी को दोबारा सत्ता में लाना और पूरी पार्टी तन मन से मोदी को फिर पीएम बनाने की मुहिम में जुटी है.


अरविंद निषाद के बयान में कोई लाग लपेट नहीं है और ना ही कोई विवाद है. माना जा रहा है कि ये एनडीए की एक स्ट्रेटजी भी हो सकती है. हालांकि खुद नीतीश कुमार एबीपी न्यूज के साथ बातचीत में दिल्ली की राजनीति में आने से इनकार कर चुके हैं. राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि नीतीश का नाम पीएम की रेस में आना मोदी का प्लान बी हो सकता है. वैसे भी नीतीश कुमार 2014 से ही पीएम मैटेरियल के रूप में प्रचारित होते रहे हैं. इस प्रचार का एक और फायदा ये हो सकता है कि बिहार में एनडीए को नीतीश के नाम पर बंपर सीटें मिल जाएं.


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