आरोप: अपने गहने बेच कर आतंकियों को दिए पैसे, जिनसे खरीदे गए हथियार और विस्फोटक
महिला सोशल 'मीडिया पर बहुत सक्रिय' थी और वह आतंकवादी समूह के साथ संपर्क में एक सोशल मीडिया नेटवर्क साइट के जरिए आई. महिला द्वारा मुहैया कराए गए धन से आतंकवादी समूह ने कुछ हथियार व विस्फोटक खरीदे.
लखनऊ: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का दावा है कि 45 साल की एक महिला आतंकवादी मॉड्यूल के वित्तपोषण में शामिल रही है. एनआईए ने बुधवार को कई छापेमारी कर इस साजिश का भंडाफोड़ किया. एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी. स्तब्ध करने वाली इस घटना में एनआईए को राज्य की राजधानी में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के इशारे पर आतंकी साजिश में मां-बेटे दोनों के शामिल होने के पुख्ता साक्ष्य मिले हैं.
ये साक्ष्य एनआईए द्वारा अमरोहा व लखनऊ सहित कई स्थानों पर बुधवार को की गई छापेमारी के दौरान पाए गए. एनआईए की जांच में खुलासा हुआ है कि नए आईएस माड्यूल 'हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम' के हिस्से के तौर पर लखनऊ सिटी स्टेशन के पास रह रही एक मुस्लिम महिला ने आतंकी साजिश को प्रायोजित करने के लिए अपने 2.75 लाख मूल्य के गहने बेच दिए थे. इस साजिश में महिला का बेटा भी शामिल था.
सूत्रों ने कहा, महिला सोशल 'मीडिया पर बहुत सक्रिय' थी और वह आतंकवादी समूह के साथ संपर्क में एक सोशल मीडिया नेटवर्क साइट के जरिए आई. महिला द्वारा मुहैया कराए गए धन से आतंकवादी समूह ने कुछ हथियार व विस्फोटक खरीदे. वर्तमान में एनआईए मां व बेटे से आतंकी वित्तपोषण के बारे में पूछताछ कर रही है.
महिला के नबीउल्ला मार्ग स्थित घर पर बुधवार को छापेमारी की गई, जिससे पड़ोसी अंचभे में पड़ गए, क्योंकि उसकी गतिविधि से कभी किसी को कोई संदेह नहीं हुआ. महिला के घर से एक लैपटॉप, दो मोबाइल फोन बरामद हुए हैं. महिला (45) का पति स्टील व एल्यूमिनियम बर्तनों का थोक व्यापारी है और उसका 18 साल का बेटा मजहर-उल-इस्लाम मदरसा में पढ़ता है.
अधिकारी ने कहा कि महिला ने अपने गहने अकबर गेट के एक ज्वेलर्स को बेचे व बाद में कथित तौर पर आतंकी साजिश के लिए धन दिया. एनआईए मामले की सभी कोणों से जांच कर रही है. इसमें उत्तर प्रदेश पुलिस की एंटी टेरर स्क्वायड (एटीएस) भी सहायता कर रही है.