लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में गुरुवार को समाजवादी पेंशन योजना का मामला गूंजा. समाजवादी पार्टी ने सरकार से जानना चाहा था कि क्या समाजवादी पेंशन योजना बंद कर दी गई है? सरकार ने जवाब भी दिया लेकिन सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपा के सदस्य सदन से वॉक आउट कर गए.


प्रश्नकाल में सपा के सदस्य नरेंद्र सिंह वर्मा ने सरकार से सवाल किया कि क्या समाज कल्याण मंत्री बताएंगे कि प्रदेश में समाजवादी पेंशन योजना बंद कर दी गई है? अगर हां, तो इसके क्या कारण हैं? क्या सरकार इसका निराकरण कर पात्र महिलाओं को पेंशन देने पर विचार करेगी? यदि नहीं, तो क्यों?


समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने अपने लिखित जवाब में बताया कि समाजवादी पेंशन योजना बंद नहीं की गई है. उन्होंने बताया कि 13 अप्रैल 2017 को जारी शासनादेश द्वारा राज्य सरकार के माध्यम से संचालित पेंशन योजना (पूर्वनाम समाजवादी पेंशन योजना) का एक माह के अंदर विशेष अभियान चलाकर सत्यापन कराए जाने के संबंध में प्रदेश के समस्त मंडलायुक्त एवं समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए थे. 27 जुलाई, 2017 को जारी पुन: शासनादेश के द्वारा सत्यापन के लिए माह सितम्बर तक का समय निर्धारित किया गया था.


मंत्री ने बताया कि योजनांतर्गत जनपद स्तर पर कराए गए सत्यापन में कुल 62 जनपदों द्वारा सत्यापन का कार्य पूरा कर लिया गया है. कुल सत्यापित 5012680 लाभार्थियों में से 415395 अपात्र एवं 43094 लाभार्थियों को मृतक चिन्हित किया गया है. योजना के संबंध में अग्रिम कार्यवाही विचाराधीन है। उन्होंने बताया कि सितंबर तक शेष 13 जिलों की भी जांच कर ली जाएगी.


सपा सदस्य नरेंद्र सिंह वर्मा ने सरकार से सवाल किया कि जो पात्र लाभार्थी पाए गए हैं, उन्हें क्या सरकार पिछले 17 महीनों की बकाया पेंशन देगी. संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि जांच के बाद विचार किया जाएगा. लेकिन सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपा के सदस्यों ने सदन का बहिष्कार किया.