नई दिल्ली:  मायावती के सामने दोहरी मुसीबत खड़ी हो गई है. उनके भाई आनंद कुमार पर बिल्डरों से मिलकर बेनामी संपत्ति जमा करने का आरोप लग रहा है. आयकर विभाग ने आरंभिक जांच शुरू करते हुए आधा दर्जन बिल्डरों को नोटिस भेजा है.


आय़कर विभाग ने इन शिकायतों को एक्स यानी बेहद गंभीर कैटेगरी में रखा है. ये भी पता चला है कि आनंद के खाते में नोटबंदी के बाद एक करोड़ तैंतालीस लाख रुपये जमा हुए हैं.


प्रवर्तन निदेशालय की जांच में आनंद कुमार के बैंक अकाउंट के बारे में बड़े खुलासे हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के करोलबाग में यूनियन बैंक की जांच के दौरान आनंद कुमार के खाते में पैसे जमा कराए गए हैं..


आनंद कुमार के खातों में नोटबंदी के बाद एक करोड़ 43 लाख रुपए जमा हुए हैं.




  • 9 दिसंबर को 6 लाख 78 हजार रुपये,

  • 16 दिसंबर को 2 लाख 20 हजार रुपये,

  • 16 दिसंबर को ही 10 लाख रुपये नगद जमा कराए गए,


यानि कुल कैश करीब 19 लाख रुपए जमा कराए गए, जबकि करीब सवा करोड रुपये की रकम ऑनलाइन तरीके RTGS के जरिए अलग अलग कंपनियो से खाते में ट्रांसफर की गई.


अब जांच एजेसियां ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ये कौन सी कंपनियां है और ये पैसा किस लिए आनंद कुमार के खाते में आय़ा था. इन्हीं आनंद कुमार पर बिल्डरों के साथ सांठगांठ करके बेनामी संपत्ति रखने का आरोप लगा है.


आनंद कुमार पर ये आरोप कुछ वीआईपी लोगों ने लगाया है. आय़कर विभाग के सूत्रों के मुताबिक, पांच शिकायतें मिलीं थी, इनमें कहा गया कि आनंद कुमार के पास बडे पैमाने पर बेनामी संपत्ति है औऱ उसका कुछ हिस्सा कुछ बिल्डरों के पास भी मौजूद है.


सूत्रों के मुताबिक, इन शिकायतों मे कहा गया था कि बिल्डरों के पास मौजूद कुछ जमीनों में आंनद कुमार का 25 प्रतिशत बेनामी हिस्सा है. लिहाजा इन बिल्डरों को जारी नोटिस में उनसे उनकी जमीनों का पूरा ब्यौरा मांगा गया है.


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