कानपुर (प्रभात अवस्थी का इनपुट). कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिये यूपी एसटीएफ की टीम दिन-रात एक कर रही है. विकास की तलाश के लिये उसके करीबियों की भी धर पकड़ की जा रही है. इस बीच एसटीएफ ने हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खास गुर्गे जय बाजपेयी पर शिकंजा कसा है. टीम उसे पूछताछ के लिये लखनऊ ले गयी है. जानकारी के मुताबिक जय बाजपेयी विकास दुबे का खजांची था. विकास दुबे और जय के बीच रकम का लेन-देन होता था.


यही नहीं जानकारी के मुताबिक जय विकास के लिये लग्जरी गाड़ियां उपलब्ध करवाता था. विकास पर पुलिस का शिकंजा कसता देख जय ने लग्जरी गाड़ी लावारिस हालत में कल्याणपुर इलाके में छोड़ दी थी. इस घटना के बाद जय पुलिस की रडार में आया था. यही नहीं विकास के फरार होने के बाद उसने अपने मोबाइल से डाटा डिलीट कर दिया था. अबतक ये साफ हो चुका है कि जय बाजपेयी और विकास दुबे के बीच करीबी रिश्ते थे. विकास दुबे के सात कई तस्वीर
सामने आने से इसकी पुष्टि भी हुई है.



फाइल फोटो

जय बाजपेयी रशूखदार लोगों से रिश्ते बढ़ाने में यकीन रखता था. पुलिस अधिकारी, नेताओं के साथ उसकी तस्वीरें सामने आ रही हैं. कानपुर के एसएसपी रहे अनंत देव तिवारी के साथ उसकी तस्वीरें सामने आई हैं. जो ये बताती हैं कि वह कहां तक पहुंच रखता था. जय असलहों का भी शौकीन है. अबतक मिली जानकारी के मुताबिक विकास दुबे के संरक्षण में कानपुर में अपनी दबंगई भी चलाता था. इसके अलावा विकास दुबे की शह पर वह विवादित जमीनें खरीदता था. जय बाजपेयी मार्केट में ब्याज पर रुपये देता था. इन्हीं धंधों की बदौलत जय के पास 15 से अधिक मकान और दर्जनों फ्लैट हैं.



फाइल फोटो

एक अहम जानकारी के मुताबिक सात साल पहले जय कानपुर के ब्रह्म नगर इलाके में एक प्रिटिंग प्रेस में काम करता था. जहां उसकी तनख्वाह मात्र चार हजार रुपये थी. कम समय में जय ने करोड़ों की संपत्ती बना ली. ब्रह्म नगर में ही जय के एक दर्जन से अधिक मकान हैं. इससे पहले जय और उसके भाई रजय की कई बार जांच हुई है. फिलहाल बीते दो दिनों से एसटीएफ जय बाजपेयी से पूछताछ कर रही है. यही नहीं उसके परिवार वाले भी पूछताछ के दायरे में हैं.


ये भी पढ़ें.


Kanpur Encounter: कानपुर हमले के मामले में एसएसपी ने किया बड़ा फेरबदल, चौबेपुर थाने में की 10 पुलिस कर्मियों की तैनाती