जयपुर: बहुमत के बावजूद BJP नहीं बना सकी मेयर, एक वोट के खेल में बागी लाटा कांग्रेस के सहयोग से जीते
जयपुर के मेयर बनने के बाद विष्णुदत्त शर्मा (लाटा) ने कहा कि मुझे कांग्रेस, कुछ बीजेपी और निर्दलीय पार्षदों का समर्थन मिला. मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं. कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर लाटा ने कहा कि वह इस बारे में बाद में फैसला करेंगे.
जयपुर: राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बागी नेताओं से राहत मिलता नहीं दिख रहा है. दरअसल कल बीजेपी के बागी पार्षद विष्णुदत्त शर्मा (लाटा) जयपुर नगर निगम के नये मेयर चुने गए. उन्होंने बीजेपी के आधिकारिक प्रत्याशी और कार्यकारी मेयर मनोज भारद्वाज को एक वोट से हरा दिया. लाटा की जीत में कांग्रेस, कुछ निर्दलियों और 'क्रॉस वोटिंग करने वाले बीजेपी के पार्षदों की भूमिका रही. मौजूदा बोर्ड के पांच साल के इस कार्यकाल में लाटा तीसरे मेयर बने हैं.
निगम बोर्ड में बीजेपी का बहुमत है. निर्वाचन अधिकारी अरविंद सारस्वत ने बताया, ''कुल 90 वोटों में से एक वोट खारिज हो गया. लाटा को 45 व भारद्वाज को 44 वोट मिले. मतगणना के बाद लाटा को विजेता घोषित किया गया.''
परिणाम आने के बाद लाटा ने संवाददाताओं से कहा, ''मुझे कांग्रेस, कुछ बीजेपी और निर्दलीय पार्षदों का समर्थन मिला. मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं.'' कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर लाटा ने कहा कि वह इस बारे में बाद में फैसला करेंगे. उन्होंने कहा, ''मेरी प्राथमिकता जयपुर का विकास है.''
गौरतलब है कि पिछले महीने अशोक लाहोटी के विधायक चुने जाने के कारण मेयर पद पर फिर से चुनाव करवाना पड़ा. निगम में फिलहाल 90 पार्षद हैं जिनमें से 63 बीजेपी के और 19 कांग्रेस के पार्षद शामिल हैं. निगम के पांच साल के मौजूदा एक ही कार्यकाल में तीसरी बार मेयर पद के लिए चुनाव हो रहा है. नवंबर 2014 में बीजेपी के निर्मल नाहटा मेयर बने लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए दिसंबर 2016 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
बीजेपी ने पार्टी प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने के लिए सारी कोशिशें की. पार्टी के पार्षद रविवार शाम से ही अजमेर रोड पर एक निजी रिसॉर्ट में रह रहे थे. परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने विधानसभा परिसर में कहा, ''कांग्रेस ने लाटा का समर्थन किया. बीजेपी बंटी हुई थी और बीजेपी के लगभग 15 पार्षदों ने उन्हें वोट दिया.''