जम्मू कश्मीर: फारूक अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने पंचायत उपचुनाव लड़ने के लिए रखी ये शर्त
जम्मू कश्मीर में आठ चरणों में होने वाले पंचायत उपचुनावों में 1011 सरपंचो और 11639 पंचो का चुनाव किया जाएगा. इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस चुनाव में बहिष्कार करने की बात कही थी.
जम्मू: जम्मू कश्मीर में पांच मार्च से होने वाले पंचायत उपचुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस शर्त के साथ उतरने को तैयार है. नेशनल कांफ्रेंस ने इन चुनावों में भाग लेने के लिए शर्त रखी है कि पार्टी के सभी नेताओं को अगर रिहा किया जाता है तो उसके बाद ही वो पंचायत चुनाव में हिस्सा लेगी.
हाल ही में घोषित जम्मू कश्मीर में पंचायत के इन उपचुनावों में पार्टियां अपने चुनाव चिन्हों पर उम्मीदवार उतारेगी. जम्मू कश्मीर में आठ चरणों में होने वाले इन चुनावों में 1011 सरपंचों और 11639 पंचों का चुनाव किया जाएगा. निर्वाचन आयोग ने जम्मू कश्मीर में इन चुनावों को आठ चरणों में करवाने का फैसला किया है. जहां जम्मू में यह चुनाव चार चरणों में होंगे वहीं कश्मीर घाटी में आठ चरणों में चुनाव को संपन्न किया जायेगा. यह चुनाव मार्च की सात, नौ,12, 14, 16, 18 और 20 तारीख को होंगे. वहीं इनके नतीजे उसी दिन घोषित किए जाएंगे जिस दिन उस चरण का चुनाव संपन्न होगा.
जम्मू कश्मीर में नवंबर-दिसंबर 2018 को हुए पंचायत चुनावों में 33592 पंच और 4290 सरपंचों का चुनाव होना था, लेकिन इन चुनावों में 22214 पंच और 3459 सरपंच चुने गए. इसके साथ ही कुछ पंच सरपंचों की मौत या फिर उनके द्वारा दिए गए इस्तीफों से भी पंच सरपंचों के कुछ पद खाली हो गए थे.
पहले चरण की अधिसूचना के साथ ही बीजेपी ने प्रचार शुरू कर दिया है, जबकि पीडीपी ने अभी इन चुनावों को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं. वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को चिट्ठी लिख कर कहा है कि पार्टी चुनाव लड़ने के लिए राजी है, लेकिन इससे पहले इन चुनावों को लड़ने में आ रही बाधाओं को दूर किया जाना चाहिए. चिट्ठी में कहा गया है कि नेशनल कांफ्रेंस के चीफ डॉ फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और वरिष्ठ नेता अली मोहम्मद सागर पीएसए के तहत हिरासत में हैं. इन नेताओं की हिरासत का हवाला देते हुए नेशनल कांफ्रेंस ने कहा है कि चुनाव लड़ने से पहले यह अड़चने दूर की जानी चाहिए.
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