जम्मू: केंद्र सरकार के निर्देश के बाद शुरू हुई रोहिंग्या शरणार्थियों की स्क्रीनिंग
पूरा देश इन दिनों कोरोना वायरस से जूझ रहा है. इससे निपटने के लिए सरकार हर संभव कोशिश कर रही है. इस कड़ी में सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए राज्यों को आदेश दिया है कि वो रोहिंग्या शरणार्थियों का कोरोना टेस्ट कराएं.
जम्मू: जम्मू में बांग्लादेश और म्यांमार से आकर अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों के तब्लीग़ी जामत से सम्बन्ध होने की खबरों के बाद सरकार ने इनकी स्क्रीनिंग शुरू कर दी है. जम्मू की कई बस्तियों में रह रहे ऐसे परिवारों की स्क्रीनिंग स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र सरकार के निर्देशों के बाद शुरू की है.
जम्मू कश्मीर स्वास्थ्य विभाग की विशेष टीम ने जम्मू में नरवाल, भठिंडी और सुंजवां के इलाको में रहने वाले इन रोहिंग्या शरणार्थियों के सैंपल कोरोना टेस्ट के लिए लेने की प्रक्रिया शुरू की. हालांकि, रविवार को जिन लोगों के सैंपल लिए गए थे उनमें से किसी में भी कोरोना वायरस की पुष्टि नहीं हुई है. स्वास्थ्य विभाग ने रोहिंग्या शरणार्थियों की स्क्रीनिंग भठिंडी इलाके से शुरू की और इस इलाके में रह रहे विभिन्न आयुवर्ग के लोगों के सैंपल जमा किये गए.
प्रशासन का दावा है कि पहले उन रोहिंग्याओं के सैंपल लिए जायेंगे जो रेड जोन इलाको में रहते हैं. सैंपल लेने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इन रोहिंगिया शरणार्थियों की सामान्य स्क्रीनिंग भी कर रहा है ताकि उन लोगो का पता लगाया जा सके, जिनमें कोरोना के लक्षण है. वहीं, प्रशासन का दावा है कि जम्मू कश्मीर में करीब साढ़े तेरह हज़ार पंजीकृत रोहिंग्या रहते हैं और प्रदेश के कई इलाकों में ऐसे रोहिंग्या भी है जिन्होंने अपना पंजीकरण नहीं करवाया है.
गौरतलब है कि मार्च महीने की शुरुआत में तब्लीग़ी जमात में शामिल हुए 10 रोहिंगिया जम्मू लौटे थे, जिन्हे तुरंत ही क्वारंटाइन किया गया था. प्रशासन का दावा है कि जब तक सभी रोहिंगिया शरणार्थियों की स्क्रीनिंग नहीं की जाती तब तक यह प्रक्रिया जारी रहेगी.
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