पटना: बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी अपने एक बयान को लेकर फिर चर्चा में हैं. खुफिया ब्यूरो के एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा था कि अगर मैं पार्टी का अध्यक्ष हूं और मेरे सांसद-विधायक अच्छा नहीं करते हैं तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? मैं. बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष गडकरी के इस बयान को तीन राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मिली पार्टी की हार की नजर से देखा जा रहा है. अब इसको लेकर जेडीयू और आरजेडी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.


अब नितिन गडकरी ने कहा- अगर सांसद और विधायक हारते हैं तो कौन जिम्मेदार होगा?


नितिन गडकरी ने मोदी और अमित शाह को टारगेट किया: आरजेडी


आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि इसमें कोई दो-राय नहीं है कि नितिन गडकरी ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह को टारगेट किया है. नरेंद्र मोदी और अमित शाह जिस तरह से तानाशाही कर रहे थे उसके खिलाफ अब आवाज उठने लगी है. अगर ताली कप्तान को तो गाली भी कप्तान को ही मिलेगी. बीजेपी में भारी बवंडर और बवाल मचने वाला है. नितिन गडकरी से पहले भी लंबी फेहरिस्त है जो सवाल खड़े करते रहे हैं. पार्टी के कार्यकर्ता और नेता पहले से ही दुखी थे और समय का इंतज़ार कर रहे थे. पांच राज्यों में चुनावी हार के बाद उन्हें मौका मिल गया है.



दलीय लोकतंत्र संक्रमण काल से गुज़र रहा है: जेडीयू


वहीं बिहार में बीजेपी की सहयोगी जेडीयू ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. जेडीयू प्रवक्ता नीरज सिंह ने कहा कि नितिन गडकरी ने जो कहा है वो उनकी पार्टी का अंदरूनी मामला है.  लेकिन इतना जरूर कह सकते हैं कि सजायाफ्ता और भ्रष्टाचारी रहते हुए भी आप पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह सकते हैं. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र संक्रमण काल में है. सजायाफ्ता होने पर भी आप पार्टी के अध्यक्ष रह सकते हैं. भ्रष्टाचारी हैं तो सेक्युलरिज्म के आईकॉन हैं. राजनीति के उच्च नैतिक मापदंड उन चीजों की अपेक्षा आज के दौर में ये कठिन सा संघर्ष है. अगर उसका पूरे देश के अंदर कोई रोल मॉडल है तो नीतीश कुमार हैं.


जब उनसे पूछा गया तो कि क्या आपने अमित शाह की क्रेडिबिलिटी पर सवाल खड़े किए हैं तो इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ''ये पूरे राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में है. कांग्रेस पार्टी उन मापदंडों पर है क्या?'' जेडीयू नेता से जब ये पूछा गया कि जिस मापदंडों की वे बात कर रहे हैं क्या अमित शाह उनपर खरे उतरे हैं तो उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि इस देश के अंदर कौन सी ऐसी पार्टी है जिसने इस परंपरा का पालन किया है? किसी ने तो आज तक परंपरा का पालन किया नहीं है. इसलिए सवाल किसी पर उठाने से पहले बेहतर है कि सवाल का जवाब खुद नितिन गडकरी को ढूंढ़ना चाहिए.



हालांकि बाद में गडकरी ने कहा कि उनकी टिप्पणी का कोई राजनीतिक मकसद नहीं था. उन्होंने दावा किया कि मीडिया के एक वर्ग ने पुणे डिस्ट्रिक्ट अर्बन कोआपरेटिव बैंक्स एसोसिएशन की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में उनकी ओर से की गई टिप्पणी को ‘तोड़ मरोड़कर पेश किया’.


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