पटना: बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत अपने चरम पर है. साल के शुरुआत से जो पोस्टरवार शुरू हुआ है वो थमने का नाम नहीं ले रहा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की बेरोजगारी हटाओ यात्रा पर जनता दल यूनाइटेड ने नए पोस्टर के जरिए हमला बोला है.


बेरोजगारी हटाओ यात्रा पर निशाना साधते हुए JDU ने पोस्टर जारी किया है जिसपर कई स्लोगन भी दिए हैं. इस पोस्टर के जरिए तेजस्वी यादव पर आरोप लगाया गया है कि वह सामाजिक न्याय के ढोंगी हैं. उन्होंने अति पिछड़ा समुदाय के साथ आर्थिक जालसाजी की है. पोस्टर में तेजस्वी की लग्जरी बस के आगे एक गरीब अति पिछड़े व्यक्ति को बीपीएल बस के साथ सिर पर ढोते हुए दिखाया गया है.



नीरज कुमार ने कहा है कि आजेडी के प्रदेश अध्यक्ष को यह बताना चाहिए कि ऐसे बस जो आर्थिक रूप से पिछड़ों को जंजाल में डाले यह सामाजिक न्याय का द्योतक है कि नहीं ?


वहीं नीतीश के मंत्री नीरज सिंह ने कहा, "पोस्टर में व्यक्त की गईं भावना चाहे जिसने भी अभिव्यक्त किए है उसके कार्य संस्कृति को सराहा जाना जरूरी है और इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि 48 घंटा से ज्यादा हो गए इस सवाल का जवाब नही आया. अति पिछड़ा समाज के व्यक्ति जो गरीबी रेखा से नीचे है, जिसका राशन कार्ड है उनके नाम पर आर्थिक जाल साज़ी की गई. मेरा निवेदन है कि राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह जी सुचिता के राजनीति का दावा करते है तो ज़ुबान खोलें और बोलें कि आखिर क्यों अति पिछड़े को आर्थिक जालसाज में डाला गया.


RJD का पलटवार


राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने जेडीयू के लगाए आज के पोस्टर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,"हमारा मुद्दा है दमदार ये कर रहे है पोस्टर वॉर. जनता को जदयू और एनडीए नही है स्वीकार. बिहार में तो बनेगी तेजस्वी की ही सरकार .न इन्होंने दूर किया बेरोजगारी न ही इन्होंने बिहार के लिए कुछ किया, सिर्फ किया बिहार के साथ अत्याचार. तो फिर किस मुंह से लगा रहे है और पोस्टर.''

मृत्युंजय तिवारी ने पूछा कि इन्होंने बेरोजगारी दूर करने का क्या उपाय किए? बेरोजगारी का भीषण संकट है. नौजवान को रोजगार नही मिल रहा है. इसपर जब बेरोजगारी हटाओ यात्रा का हमारे नेता तेजस्वी यादव ने एलान किया तो JDU की बेचैनी बढ़ गई. इसका अब पोल खुलेगा. तेजस्वी के रथ बस पर बिहार के 60 प्रतिशत बेरोजगार सवार होंगे इसलिए इनकी चिंता बढ़ गई. बिहार के नौजवान ने ठान लिया तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाना है. ये चिल्लाते रहें... पोस्टर लगाते रहें.. अभी तक इनलोगो ने जितना पोस्टर लगाने में खर्च किया अगर उतना ऊर्जा और खर्च बिहार के विकास में किया होता तो बिहार का तकदीर और तस्वीर बदली होती. ''


बता दें कि साल की शुरुआत से ही आरजेडी और जेडीयू के बीच पोस्टर वॉर का सिलसिला जारी है. आरेजेडी ने पोस्टर वॉर की शुरुआत नीतीश सरकार के खिलाफ 10 पोस्टर जारी करते हुए किया था. अब जेडीयू लगातार इस तरह के पोस्टर राजधानी की सड़कों पर लगा रहा है. मजे की बात यह है कि इन पोस्टरों पर कहीं भी लगाने वाले का नाम या फिर पार्टी का नाम नहीं लिखा जाता है.


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