JDU ने '...ठीके तो है नीतीश कुमार' स्लोगन के साथ शुरू किया चुनावी कैंपेन
पटना में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) मुख्यालय के बाहर बड़े-बड़े दो होर्डिंग लगाए गए हैं. जिसमें नीतीश कुमार की तस्वीर के साथ बड़े-बड़े अक्षरों में नारे लिखे गए हैं.
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव भले ही अगले साल के आखिरी महीनों में हो लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. पटना में जेडीयू कार्यालय के बाहर दो होर्डिंग लगाए गए हैं, जिसमें नारे के अंदाज में बातें कही गई है. होर्डिंग पर बड़े-बड़े टेक्सट के साथ मुस्कुराता हुआ नीतीश कुमार का फोटो लगाया गया है.
जेडीयू मुख्यालय के बाहर टंगे एक होर्डिंग पर लिखा गया है 'क्यों करें विचार ठीके तो है नीतीश कुमार'. एक अन्य होर्डिंग पर लिखा गया है, ''सच्चा है; अच्छा है. चलो, नीतीश के साथ चलें''. इस होर्डिंग में नीतीश कुमार की तस्वीर के साथ-साथ छोटे आकार में बिहार जेडीयू के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह और सांसद आरसीपी सिंह की तस्वीर लगाई गई है. इस होर्डिंग के जरिए जेडीयू ने यह बताने की कोशिश की है कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ही चेहरा होंगे.
नए स्लोगन को लेकर जब एबीपी न्यूज़ संवाददाता ने जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह से पूछा कि 'ठीके तो है नीतीश कुमार', अच्छे नहीं हैं? तो उन्होंने कहा कि ये हमारा स्लोगन नहीं है. ये 12 करोड़ जनता की आवाज है. गांव-शहर में लोग कहते हैं कि ठीके तो है नीतीश कुमार. दूसरे की यहां वेकेंसी कहां है. ठीक हैं नीतीश कुमार.
संजय सिंह ने आरजेडी के साथ गठबंधन करने की अटकलों को खारिज किया. उन्होंने कहा, ''बीजेपी से हमारा गठबंधन अटूट है. आरजेडी के साथ जाने का सवाल नहीं है. हम बाद में तय करेंगे कि कौन कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगा. सब एनडीए की बैठक में तय होगा. हम बिहार में बड़े भाई रहे हैं. चट्टानी गठबंधन है.''
आपको बता दें नीतीश कुमार की ब्रांडिंग का काम लंबे समय से चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर देख रहे हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने 'बिहार में बहार हो, नीतीशे कुमार हो' का नारा दिया था. बाद में नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को पार्टी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया.
2015 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल थे. उन्होंने लालू यादव की पार्टी आरजेडी और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने का फैसला किया था. महागठबंधन बीजेपी को हराने में कामयाब रहा. बाद में नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़ लिया और बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार का गठन किया. आगामी चुनाव में भी नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव की तरह ही बीजेपी के साथ चुनाव लड़ सकते हैं.