पटना: एक तरफ जहां नीतीश कुमार सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर है, वहीं एक ऐसी सियासी घटना सामने आई है जिससे नीतीश कुमार के पार्टी के ही दो नेता आमने सामने हो गए. दरअसल कल शुक्रवार को मोकामा में एक कार्यक्रम में बाहुबली निर्दलीय विधायक अनंत सिंह, नीतीश के करीबी मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह एक मंच पर साथ-साथ दिखे. ये दोस्ती जेडीयू प्रवक्ता को नागवार गुजरी.


जब ललन सिंह ने पत्रकारों ने सवाल पूछा तो मंत्री जी ने बाहुबली विधायक का बचाव किया. मोकामा से विधायक अनंत सिंह को लेकर पूछे गए सवाल पर ललन सिंह ने कहा कि वे कभी घर से बाहर गए ही नहीं थे. अनंत सिंह के निर्दलीय चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब लड़े थे, तब लड़े थे. ललन सिंह नीतीश सरकार में जल संसाधन मंत्री हैं. खबर है कि ललन सिंह मुंगरे से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं और वहां अनंत सिंह का प्रभाव है. इसलिए ललन सिंह उन्हें अपने साथ रख रहे हैं.


बता दें कि बाहुबली नेता अनंत सिंह पहले जेडीयू से ही चुनाव लड़ा करते थे लेकिन 2015 में हत्या के आरोप लगने के बाद पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. अनंत सिंह के खिलाफ 2015 में जेडीयू की तरफ से नीरज सिंह मोकामा से चुनाव लड़े लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा.


अब इस पर जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता सह विधान पार्षद नीरज कुमार ने अनंत सिंह के जेडीयू में वापसी संबंधी दावे पर प्रेस रिलीज जारी किया. इसमें कहा गया है, ''जिसे माननीय उच्च न्यायालय ने ट्रेजडी ऑफ सोसाइटी माना हो, उसे जेडीयू में स्वीकारने का कोई औचित्य नहीं है. साढ़े 12 वर्ष के शासनकाल में हमारा यूएसपी अनंत सिंह, राजवल्लभ यादव, शहाबुद्दीन और अशोक महतो सरीखे लोगों पर की गई कानूनी कार्यवाई ही तो है. पार्टी जब समाज सुधार का एजेंडा चला रही है, तो ऐसे लोग जो विभिन्न संगीन मामलों के आरोपी हैं, उनका पार्टी में स्थायी नो एंट्री है.'' प्रेस रिलीज में कहा गया है कि जेडीयू अपनी पार्टी के यूएसपी पर खरोंच नहीं आने देगा.