पटना: बिहार में ‘चिट्ठी विवाद’ थमने का नाम नहीं ले रहा है और जेडीयू और बीजेपी खुलकर सामने आ गई है. दोनों के बीच की बयानबाजी से बिहार का सियासी पारा चढ़ा गया है. जेडीयू नेता और नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री श्याम रजन ने गिरिराज सिंह के रिट्वीट पर कहा कि वे बिन ब्याही दुल्हन की तरह क्यों छमक रहे हैं? दअसल आरएसएस नेताओं के संबंध में जानकारी जुटाने वाले आदेश पर एक शख्स ने ट्विटर पर लिखा कि इस अपमान का बदला लेते हुए बीजेपी को गठबंधन खत्म कर लेना चाहिए. गिरिराज सिंह ने इस ट्वीट को रिट्वीट कर दिया. जेडीयू को ये बात नगवार गुजरी और उसने गिरिराज सिंह पर हमला बोल दिया. चिट्ठी को लेकर श्याम रजक ने कहा कि ये रूटीन वर्क होता है.

उधर कांग्रेस के मुख्य सचेतक राजेश राम ने जेडीयू और बीजेपी के गठबंधन को ‘अप्राकृतिक संबंध’ बता दिया. उन्होंने कहा कि गिरिराज सिंह ने जो रिट्वीट किया है उससे ये प्रतीत हो गया है कि अंदर के हालत अब ठीक नहीं हैं. वहीं आरजेडी नेता आलोक मेहता ने चुटकी ली. उन्होंने कहा, ‘’ ये उनसे पूछा जाना चाहिए जिसे तोड़ना है और जिसे टूटना है. इसमे आरजेड की क्या भूमिका है? आरएसएस एक ऐसा संगठन है जो कई बार विवादों में रहा है. इसपर कई बार देश में प्रतिबंध लग चुके हैं. मेरा मानना है कि कोई संस्था या संघगठन यदि संदिग्ध हो तो उसपर कार्रवाई होनी चाहिए.’’


राजीव सिंह नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा " मैं बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से आग्रह करता हूं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिस तरह से आरएसएस के सभी शाखाओं के लिए जांच का आदेश दिया है. इस अपमान के लिए गठबंधन खत्म किया जाए ताकि कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा रहे. जय बीजेपी.'' गिरिराज सिंह ने इस ट्वीट को रिट्वीट किया. इससे साफ है कि बेशक गिरिराज सीधे नीतीश पर हमलरा न बोल रहे हो लेकिन ट्विटर के ज़रिए गिरिराज अपने समर्थकों को यह बता रहे हैं कि वो उनकी भावनाओं के साथ हैं.


आखिर क्या है चिट्ठी विवाद?
दरअसल 28 मई को पटना के एसपी (स्पेशल ब्रांच) ने डिप्टी एसपी (स्पेशल ब्रांच) को एक चिट्ठी लिखी थी. इसमें कहा गया था कि आरएसएस और उससे जुड़े 19 सहयोगी सगंठनों के पदाधिकारियों का नाम, पता, फोन नंबर और पेशे का ब्यौरा एक हफ्ते के अंदर जुटाया जाए. पदाधिकारियों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष या संयुक्त सचिव और ऐसे ही दूसरे पदभार संभाल रहे लोगों का ब्यौरा मांगा गया.


इस चिट्ठी में आरएसएस के अलावा विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू जागरण समिति, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, हिंदू राष्ट्र सेना, राष्ट्रीय सेविका समिति, शिक्षा भारती, दुर्गा वाहिनी, स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय रेलवे संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, अखिल भारतीय शिक्षक महासंघ, हिंदू महासभा, हिंदू युवा वाहिनी और हिंदू पुत्र संगठन का नाम शामिल हैं.