नई दिल्लीः क्या नीतीश बीजेपी के साथ चलेंगे पर रास्ता भी काटेंगे? आज पटना में जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई लेकिन इस बैठक के नतीजे के बाद जो बात सामने आई उससे ये तय हो गया कि नीतीश एनडीए में अपनी शर्तों पर रहेंगे. बिहार के अलावा देश में जेडीयू बीजेपी के साथ कहीं नहीं रहेगी. इसके अलावा जेडीयू ने धारा 370, समान नागरिक संहिता और राम मंदिर पर अपना पुराना स्टैंड कायम रखने का निर्णय लिया.
जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने साफ कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी को लेकर विस्तार से बात की है. जो माहौल बनाया जा रहा है, उसमें कोई सच्चाई नहीं, हम एनडीए का हिस्सा हैं और रहेंगे. 2020 का चुनाव एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेगा. हालांकि हम केंद्र में मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं बनेंगे, ये भी तय है.
केसी त्यागी ने कहा कि पहले भी 2017 के बाद भी जेडीयू केंद्र सरकार में शामिल नहीं थी. बिहार में संख्या के आधार पर सरकार में हिस्सा दिया गया है. एलजेपी के पशुपति पारस को एमएलसी बनाकर मंत्री बनाया गया है. जेडीयू को हम राष्ट्रीय पार्टी बनाना चाहते हैं, 2020 तक इसका लक्ष्य रखा गया है. चार राज्यों में होने वाले चुनाव में जेडीयू अकेले लड़ेगी।हमने नागालैंड में अगर भाजपा को समर्थन नहीं दिया होता, तो आज वहां एनडीए की सरकार नहीं होती. बिहार के चुनाव नतीजों की तरह हमारा दल अरुणाचल प्रदेश की जीत से प्रसन्न है.
अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में जेडीयू का अधिवेशन होगा
केसी त्यागी ने कहा कि केंद्र सरकार में जेडीयू में शामिल होने का सवाल ही नहीं है. झारखंड में जेडीयू ज्यादातर सीटों पर चुनाव लड़ेगी
बिहार सरकार में मंत्री बने संजय झा ने कहा कि दिल्ली में जेडीयू पहले भी चुनाव लड़ी है, आनेवाला चुनाव भी लड़ेगी. अगर धारा 370 भाजपा खत्म करती है, तो जेडीयू एनडीए में रहते हुए विरोध करेगी, एनडीए से अलग नहीं होगी.
प्रशांत किशोर की कंपनी का जेडीयू से कोई रिश्ता नहीं है. जगन मोहन रेड्डी के लिए काम किया, तो सवाल क्यों नहीं उठाया.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से प्रशांत किशोर की बात हो गयी, बात खत्म हो गयी।
जब पूछा गया कि प्रशांत किशोर क्या प्रचार करने जा रहे हैं ? जवाब आया कि जेडीयू चाहती है पश्चिम बंगाल में टीएमसी चुनाव हारे. धारा 370 पर जेडीयू के स्टैंड कायम है. जय प्रकाश नारायण ने धारा 370 में ढील देने का विरोध किया था. समान नागरिक संहिता पर भी हमारी राय तय है, राम मंदिर पर भाजपा के नेता भी कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं, आरएसएस के नेता मोहन भागवत भी कह चुके है.
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