नई दिल्ली: नीतीश कुमार को लेकर अटकलों का बाजार गरम है और दिल्ली के बिहार भवन में जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिनों की बैठक शुरू हो हो चुकी है. इस बीच जेडीयू ने ये साफ कर दिया है कि वह एनडीए से बाहर नहीं जाएगी, बल्कि एनडीए को मज़बूत करेगी. एबीपी न्यूज़ से बातचीत में जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि 2019 के आम चुनावों में एनडीए राज्य के 40 सीटों में 38 सीट पर जीत हासिल करेगी.
हालांकि लोकसभा चुनाव में सीटों को लेकर एनडीए के सभी घटकों बीजेपी, जेडीयू, एलजेपी और आरएलएसपी में खींचतान जारी है. इसे सुलझाने के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह 12 जुलाई को पटना जाएंगे. त्यागी ने उम्मीद जताई कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ नीतीश कुमार के बैठक ने सीटों के बंटवारे को लेकर स्थिति साफ हो जाएगी. उनके मुताबिक जेडीयू कार्यकर्ताओं में सीट शेयरिंग को लेकर उत्सुकता है. अब वक्त आ गया है कि हम सीटों के तालमेल का फैसला कर लें.
शनिवार देर शाम बिहार का सियासी दांवपेंच सुलझाने के लिए दिल्ली में जुटे जेडीयू के संगठन पदाधिकारियों की बैठक में कार्यकारिणी के बैठक का एजेंडा तय किया गया. इसपर सहमति बनी कि 2019 का चुनाव एनडीए गठबंधन में लड़ा जाएगा. रविवार को अपने भाषण में नीतीश कुमार दिल्ली में पार्टी के इस रुख का खुलासा करेंगे.
हालांकि जेडीयू के एजेंडे के मुताबिक पार्टी बिहार को विशेष राज्य का देने की मांग को लेकर अब भी कायम है. केसी त्यागी के मुताबिक बिहार का विशेष सहायता से काम नहीं चलने वाला. उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष दर्जे की मांग का मुद्दा हमारे वजूद से जुड़ा हुआ है. हम टीडीपी की तरह एनडीए से बाहर नहीं, बल्कि एनडीए में रहकर विशेष राज्य के दर्जे की लड़ाई लड़ेंगे.
इसके साथ ही तेजस्वी यादव के जेडीयू के महागठबंधन में वापसी के नो एंट्री वाले बयान पर त्यागी ने कटाक्ष किया. उन्होंने कहा, ‘’दरबान के कहने पर किसी की एंट्री नहीं होती वो तो सिर्फ मालिक के कहने पर दरवाज़ा खोल और बंद कर सकता है. महागठबंधन के मालिक राहुल गांधी हैं जबकि नो एंट्री का बयान देने वाले सिर्फ दरबान हैं." जेडीयू ने ये तय किया है कि पार्टी चार राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में विधानसभा सीमित सीटों पर अपने दम पर लड़ेगी.
जेडीयू के संगठन पदाधिकारीरियों की बैठक में शामिल होने केसी त्यागी के अलावा ललन सिंह, संजय झा, कौशलेंद्र, विजेंद्र यादव, आरसीपी सिंह, अखिलेश कटियार और गुलाम रसूल बलियावी भी बिहार भवन पहुंचे. पवन वर्मा भी बिहार भवन पहुंचे. बैठक के बाद नीतीश कुमार ने संगठन पदाधिकारियों और पार्टी के कार्यकारिणी के सदस्यों के साथ डिनर भी किया.
लेकिन पार्टी के कार्यकारिणी की बैठक के लिए बिहार सरकार का भवन दरअसल पार्टी कार्यालय में तब्दील हो गया है. बैनर और होर्डिंग्स से पूरे बिहार भवन को पाट दिया गया है. ऐसे में सरकारी भवन में पार्टी के कार्यक्रम का आयोजन होने पर विरोधियों को जेडीयू पर निशाना साधने के मौका मिल जाएगा.