जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने सीएम नीतीश को बताया 'निश्चय पुरुष', कहा- उनका वचन ही है शासन
जेडीयू के प्रवक्ता संजय सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए लिखा नीतीश का वचन ही है शासन. इसके साथ ही नीतीश को त्याग की मूर्ति तक बता डाला है. उन्होंने कहा कि नीतीश जो कहते हैं वो करते हैं.
पटनाः जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शान में ऐसे कसीदे पढ़े की जिसे शायद नीतीश भी सुनें तो शरमा जाएं. अपनी प्रेस रीलीज़ की पहली लाइन में संजय लिखते हैं कि नीतीश का वचन ही शासन है. दूसरे पैराग्राफ में उन्होंने नीतीश कुमार को निश्चय पुरुष बताया. प्रेस रिलीज के तीसरे पैराग्राफ में नीतीश को त्याग की मूर्ति बताया. चौथे पैराग्राफ में तो रामायण की चौपाई लिखते हुए कहते हैं कि नीतीश वचन के इतने पक्के हैं कि उनका प्राण भले चला जाए लेकिन जो कहेंगे उससे हिलेंगे नहीं. आखिरी लाइन में नीतीश को अल्पसंख्यकों के मसीहा के तौर पर पेश किया. जबकि विपक्ष के नेता तेजस्वी को गरीबों का जोंक बताया है.
संजय सिंह ने लिखा कि नीतीश कुमार का वचन ही शासन है. इस वचन के निश्चय को पूरा करने के लिए नीतीश कुमार ने कई अहम फैसले लिए हैं. अपने निश्चय के कारण ही उन्हें राजनीति में कई नुकसान हुए हैं. लेकिन नीतीश कुमार ने कभी भी अपने वचन को नहीं तोड़ा है. संजय सिंह का कहना है कि आज 15 सालों से वे बिहार पर शासन इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वो जो कहते हैं वही करते हैं.
जेडीयू नेता ने लिखा कि नीतीश कुमार निश्चय पुरुष हैं. आज तक उन्होंने ने जो निश्चय लिया है उसे पूरा करने में एक इंच भी टस से मस नहीं हुए हैं. जब उन्होंने एक बार कह दिया कि बिहार में एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन) नहीं होगा, जबकि एनपीआर (नेशनल पोपुलेशन रजिस्टर) 2010 के तर्ज पर ही होगा. यह बात तो नीतीश कुमार पहले से ही कहते रहे है कि किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है. नीतीश अल्पसंख्यकों के साथ कोई अन्याय नहीं होने देंगे.
संजय सिंह का कहना है कि जिसकी जैसी भावना रहती है वह दूसरों के बारे में भी वैसा ही सोचता है. यह लालू परिवार की आदत रही है कि अपने बात पर अडिग नहीं रहता है. वहीं नीतीश अपने निश्चय के कारण बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी भी त्याग चुके हैं. उन्हें इस बात से थोड़ा भी मलाल नहीं रहता है.
जेडीयू नेता ने कहा कि सरकार ने दलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा और अल्पसंख्यकों को मुख्यधारा में लाने के लिए विशेष योजना बनायी है. इस पर काम हो रहा है. मदरसा शिक्षकों को भी अन्य शिक्षकों की तरह समान सुविधाएं उपलब्ध करायी हैं. उन्हें सातवां वेतनमान दिया है. सरकार में आने के बाद सर्वेक्षण कराया गया, जिसमें पाया कि ज्यादा संख्या में बच्चे स्कूल नहीं जाते है. जिसके लिए 21 हजार प्राइमरी स्कूल खोले गए. कई लाख वर्ग कक्ष का निर्माण कराया गया. स्कूल से बाहर रहने वाले बच्चों का सर्वे कराया गया, जिसमें सर्वाधिक दलित और अल्पसंख्यक के बच्चे मिले. तालिमी मरकज और टोला सेवक के माध्यम से इस पर काम किया गया. संजय सिंह बताते हैं कि आज बच्चे स्कूल जाने लगे हैं. सूबे के सभी जिलों में एक बिहार राज्य अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय के निर्माण का निर्णय लिया गया है.
संजय सिंह ने तेजस्वी यादव की बेरोजगारी दूर करने के लिए की जा रही यात्रा को गरीबों का खून चूसने वाला नेता बताया. संजय सिंह का कहना है कि बिहार में जनता के लिए जो भी बेहतर फैसला होगा वह नीतीश कुमार कर रहे हैं. बिहार की जनता जानती है कि बिहार एक सुरक्षित हाथों में है. घबराने की जरूरत नहीं है.