इलाहाबाद: आईआईटी में एडमिशन के लिए जारी हुए नतीजों में इलाहाबाद में बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले दो सगे भाई भी शामिल हैं. इनके पिता सब्जी मंडी में आलू के कमीशन एजेंट हैं और इन्होने काफी मुफलिसी में बच्चों को पढ़ाते हुए उन्हें आज इस मुकाम तक पहुंचाया है.


कोचिंग के लिए 35 KM साइकिल चलाकर आते थे शहर 


बड़े भाई विशाल इलाहाबाद के 100 से ज्यादा सेलेक्टेड लोगों में पहले नंबर पर हैं, जबकि छोटा भाई सतीश चौथे नंबर पर है. दोनों भाई रोजाना करीब 35 किलोमीटर साइकिल चलाकर कोचिंग करने शहर आते थे.


सब्जी मंडी में आलू के कमीशन एजेंट हैं पिता


इलाहाबाद जिले की सोरांव तहसील के सेवईत गांव के रहने वाले दो सगे भाइयों विशाल अग्रहरि और सतीश अग्रहरि का आईआईटी में सेलेक्शन हुआ है. इनके पिता प्रेम चंद्र अग्रहरि स्थानीय सब्जी मंडी में आलू के कमीशन एजेंट हैं. वह किसानों और व्यापारियों के बीच कमीशन पर काम करते हैं. परिवार का खर्च बेहद मुश्किल से चलता था. बेटों को पढ़ाने के लिए उन्होंने काफी पसीना बहाया. दिन रात पसीना बहाया.


दोनों को डॉक्टर बनाना चाहते थे उनके पिता


हालांकि वह दोनों बेटों को डॉक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन विशाल और सतीश की ख्वाहिश के चलते इन्होंने बेटों को आईआईटी की तैयारी करने की छूट दे दी. प्रेम चंद और उनकी पत्नी रीता बेटों को मिली इस कामयाबी पर बेहद खुश हैं.


मैथ्स के ओलम्पियाड में गोल्ड मेडल


विशाल और सतीश दोनों भाइयों ने इंटर पास किया है. इनमें से विशाल ने पिछले साल 94 % और सतीश ने इस साल 89 % नंबर पाकर इंटर पास किया है. सतीश ने इसी साल लखनऊ में मैथ्स के ओलम्पियाड में गोल्ड मेडल जीता है.


स्कूल की पढ़ाई के बाद 4 घंटे की कोचिंग


आईआईटी जेई एडवांस में चयन के बाद अब सतीश इंजीनियर बनना चाहते है जबकि बड़ा भाई विशाल आईएएस बनना चाहता है. ये दोनों भाई रोजाना गांव से 18 किलोमीटर दूर इलाहाबाद में स्कूल की पढ़ाई के बाद 4 घंटे की कोचिंग करते थे फिर वापस रात को गांव पहुंचते थे.


बदहाली के चलते इंटर से आगे की पढ़ाई नहीं कर पाए थे प्रेम चंद्र


विशाल और सतीश के कठिन परिश्रम से आज इनके माता पिता का सपना पूरा हो गया. इनके पिता प्रेम चंद्र का कहना है की वे तो खुद परिवार की बदहाली के चलते इंटर से आगे की पढ़ाई नहीं कर पाए थे लेकिन इन्होने ने अपने बच्चों का सुनहरा भविष्य बनाने के लिए ठान रखी थी, जो आज इनके बच्चो इनका सपना पूरा कर दिखाया. जिससे वे अपने को बेहद गौरवान्वित महसूस कर रहे है.


IIT रुड़की में एडमिशन लेने की तैयारी


ऑल इंडिया रैंकिंग में विशाल की 864 रैंक और सतीश 3700 रैंक थी, अबकी आईआईटी एडवांस में ऑल इंडिया रैंक में विशाल 1964 और सतीश को 2709 रैंक मिली है. ये दोनों अब आईआईटी रुड़की संस्थान में एडमिशन लेने की तैयारी में है.


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