झांसी: बुंदेलखंड की पठारी और पथरीली जमीन से सूखा मिटाने के लिए बहुत बड़ा प्लान तैयार किया गया है. झांसी के कमिश्नर इसपर युद्धस्तर पर काम भी कर रहे हैं. कमिश्नर खुद 207 चेक डैम का पुनरुद्धार कराते समय साइट पर जाकर चेक कर रहे हैं. कई कुएं और तालाब भी खोदे जा रहे हैं .खेतों को समतल किया जा रहा है. लाखों श्रमिकों को रोजगार दिया गया है.


झांसी के कमिश्नर का बयान


झांसी के कमिश्नर सुभाष चंद्र शर्मा के निर्देश पर झांसी मंडल की वाटर बॉडी (जल स्त्रोत)को पुनर्जीवित किया जा रहा है. चेक डैम और चंदेल कालीन तालाबों का पुनरुद्धार किया जा रहा है. 207 चेक डैम पर काम चल रहा है. सिल्ट सफाई से उन्हें मजबूत किया जा रहा है. झांसी कमिश्नर ने कहा कि वाटर लेवल बढ़ जाएगा तो सूखे की समस्या खत्म हो जाएगी. उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत खेतों का समतलीकरण किया जा रहा है. तालाबों की खुदाई की जा रही है. कूप निर्माण किया जा रहा है. मेड डाली जा रही है. जितने भी पुराने तालाब और कुएं हैं, उन पर भी काम चल रहा है. कमिश्नर सुभाष चंद शर्मा ने दावा किया है कि जब तालाबों बावलियों चेक डैमों का पुनरुद्धार हो जाएगा. सिल्ट सफाई हो जाएगी. तब बुंदेलखंड से सूखा समाप्त हो जाएगा.


40 हजार प्रवासियों को मिला रोजगार


इसके अलावा श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए जा रहे हैं. अभी तक झांसी मंडल में मनरेगा के तहत 180000 श्रमिकों को रोजगार दिया जा चुका है. 40000 प्रवासी मजदूरों को भी रोजगार दिया गया है. 3 लाख श्रमिकों को काम देने का लक्ष्य है. लॉकडाउन में 60 हजार प्रवासी मजदूर मंडल में आए हैं. इन में 40 हजार को काम मिल गया है.


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