झांसी: झांसी एनकाउंटर का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. विपक्ष लगातार इसे लेकर प्रदेश की योगी सरकार और पुलिस विभाग को निशाने पर ले रहा है. इसी बीच बुंदेलखंड किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल शर्मा ने पुष्पेंद्र यादव के कथित पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने को लेकर गुरुवार को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर बड़ा हमला बोला है.


विमल शर्मा ने सवाल उठाया कि सरकार उन सांसदों व विधायकों का एनकाउंटर क्यों नहीं करती, जिनके खिलाफ 20 से 50 तक मुकदमे दर्ज हैं. किसान नेता ने शर्मा ने करगवां गांव जाकर पुलिस की कथित मुठभेड़ में मारे गए पुष्पेंद्र यादव के परिजनों को ढाढस बंधाया और कहा कि आरोपी दरोगा को बचाने में पुलिस अधिकारी और राज्य सरकार के मंत्री एक हो गए हैं.


पुष्पेंद्र यादव के दरवाजे से ही शर्मा ने 'फेसबुक लाइव' में कहा, "राज्य सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने पुष्पेंद्र को अपराधी और खनन माफिया कहा है. वे मेरा जवाब सुन लें, बुंदेलखंड के आधे से ज्यादा विधायक अवैध बालू खनन में लगे हैं. कई ऐसे सांसद और विधायक हैं, जिनके खिलाफ 20, 25 और 50 मुकदमे दर्ज हैं. सरकार उनका एनकाउंटर क्यों नहीं करती है?"


उन्होंने कहा, "यह लड़ाई एक घर या परिवार की नहीं है, जिस तरह पुलिस एक अपराधी (दरोगा) के लिए एक हो गई है, ठीक उसी तरह हमें पुष्पेंद्र के लिए एक होना होगा और उसके परिवार को न्याय दिलाने के लिए बड़ा आंदोलन करना होगा."


बता दें कि मोंठ थाना के प्रभारी धर्मेद्र सिंह चौहान ने पुष्पेंद्र पर आरोप लगाया था कि उसने शनिवार की रात कथित रूप से उन पर हमला कर कार लूटकर फरार हो गया. उनके आरोप लगाने के कुछ घंटों बाद ही पुलिस ने पुष्पेंद्र को एक कथित मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया. पुष्पेंद्र की हत्या के बाद आक्रोश भरा आंदोलन समूचे बुंदेलखंड में चल रहा है. बुधवार की शाम सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी परिजनों को सांत्वना देने के लिए पुष्पेंद्र के घर गए थे.


अखिलेश ने कहा, "किसी को भी पुलिस की कहानी पर भरोसा नहीं है. झांसी का पुलिस प्रशासन जो घटनाक्रम बता रहा है, उससे कोई संतुष्ट नहीं है. परिवार को भी उस पर भरोसा नहीं है. क्योंकि यह एनकाउंटर नहीं हत्या है. इसके खिलाफ हम संघर्ष करेंगे और इन्हें न्याय दिलाएंगे."


अखिलेश ने आगे कहा कि समाजवादी पार्टी उनके दु:ख में शामिल है और उनका साथ देगी. यादव इस बात से बहुत आक्रोशित थे कि पुलिस निर्दोषों की हत्या कर रही है, कानून के रक्षक ही भक्षक बन रहे हैं, और जनता के नागरिक अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री हैं, वहां जनता को न्याय न मिले तो ताज्जुब है.


पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "मानवाधिकार आयोग ने सबसे ज्यादा नोटिस यूपी सरकार को दी है. हवालात में मौतें यहीं सबसे ज्यादा हुई हैं. कानून-व्यवस्था ध्वस्त है. मृतक और उसके शोकाकुल परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए उठ रही आवाजों को कहां तक दबाएगी सरकार?"


मुठभेड़ से पहले पुष्पेंद्र ने थानाध्यक्ष पर गोली चलाई थी- पुलिस


झांसी पुलिस ने दावा किया था कि उसने पांच और छह अक्टूबर की रात कथित रूप से बालू खनन में शामिल पुष्पेंद्र यादव को जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर गुरसराय इलाके में मुठभेड़ में मार गिराया. पुलिस ने दावा किया था कि मुठभेड़ से कुछ घंटे पहले पुष्पेंद्र ने कानपुर झांसी राजमार्ग पर मोठ के थानाध्यक्ष धर्मेंन्द्र सिंह चौहान पर गोली चलायी थी.


झांसी के पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह ने बताया कि पुष्पेंद्र यादव अवैध रूप से खनन कार्य में शामिल था और 29 सितंबर को थानाध्यक्ष द्वारा उसके कुछ ट्रक जब्त किये जाने के बाद उनसे उसकी कहासुनी भी हुई थी.


पुलिस के मुताबिक, पुष्पेंद्र समेत तीन मोटरसाइकिल सवारों ने शनिवार रात को थानाध्यक्ष धर्मेंद्र और उसके सहयोगी को कानपुर झांसी राजमार्ग पर रोका. पुष्पेंद्र ने धर्मेंद्र पर गोली चलाई और उसकी कार लेकर चला गया. बाद में सुबह करीब तीन बजे गोरठा के पास पुलिस ने तीन लोगों को धर्मेंद्र की कार के साथ पकड़ा और इसी बीच हुई मुठभेड़ में पुष्पेंद्र मारा गया.


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