रांची: झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस और जेएमएम का समझौता मुश्किल में पड़ गया है. जेएमएम के अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा है कि वो 41 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और कांग्रेस को इसके बारे में कोई जानकारी भी नहीं दी. यानि अगर सभी विपक्षी पार्टियां बीजेपी के सामने चुनाव लड़ती है तो कुल 81 सीटों की विधानसभा में जेएमएम अकेले 41 सीटों पर लड़ेगी. बाकी 40 सीट कांग्रेस, जेवीएम, आरजेडी और लेफ्ट के लिए बचेंगी जोकि असंभव जैसा है.


कांग्रेस के झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह का कहना है कि हमने झारखंड कांग्रेस के नेताओं से रिपोर्ट मांगी है कि किस पार्टी के साथ समझौता करना चाहिए. कई ज़िला अध्यक्षों ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है. इस पर आगे भी चर्चा जारी है. आरपीएन सिंह ने कहा कि जहां तक हेमंत सोरेन के 41 सीटों पर लड़ने के दावे की बात है तो इस पर वे टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे लेकिन समझौता हो इसके लिए कोई रास्ता निकालने की कोशिश जरूर करेंगे.


बता दें कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में लेफ्ट पार्टी को छोड़कर बाकी सभी पार्टियां बीजेपी के खिलाफ समझौते के तहत लड़ी थीं. राज्य की कुल 14 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस सात, जेएमएम चार, जेवीएम दो और आरजेडी एक सीट पर चुनाव लड़ी थी. चुनाव नतीजों में अकेले बीजेपी ने 11 सीटों पर बाजी मारी. कांग्रेस और जेएमएम  के खाते में एक-एक सीट गई. एक सीट पर एजेएसयू पार्टी ने कब्जा जमाया.


वहीं 2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ी थी. इसमें कांग्रेस के हिस्से मे महज़ छह सीटें आई थीं. इस वक़्त कांग्रेस की सबसे बड़ी समस्या ये है कि पार्टी के पास अध्यक्ष नहीं है और किसी राज्य के महासचिव को इस बात अंदाज़ा नहीं है कि वे राज्य के प्रभारी रहेंगे या नहीं. ऐसी स्थिति में कांग्रेस अपने घटक दलों से भी बात नहीं कर पा रही है. बता दें कि दो महीने बाद झारखंड मे विधानसभा चुनाव होने हैं.